जितनी तेज़ी से राजधानी पटना में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया गया. उतनी ही तेज़ी से बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायतें भी आने लगी हैं. लेकिन बिजली कंपनी शिकायतों को दूर करने के बजाए उपभोक्ताओं पर ही बिजली चोरी का आरोप लगा रही है. जबकि दिक्कत (Fault) कंपनी द्वारा लगाए गए मीटर में ही है.
अब तक राजधानी पटना में 4.76 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं. जिनमें से 4,000 स्मार्ट मीटर बंद हो गए हैं. जबकि 7,035 मीटर सर्वर से कनेक्ट नहीं हो रहे हैं.
- बांकीपुर (160)
- गुलजारबाग (210)
- कंकड़बाग (304)
- पटना सीटी (227)
- आरके नगर (1389)
- राजेंद्रनगर (174)
- आशियाना (398)
- डाकबंगला (330)
- दानापुर (1007)
- गर्दनीबाग (961)
- खगौल (1044)
- न्यू कैपिटल (246)
- पाटलिपुत्र (585)
ऑनलाइन समाधान नहीं, विभाग जा कर कर रहे हैं शिकायत
मीटर बंद होने या सर्वर से कनेक्ट नहीं होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को अपने यहां होने वाले बिजली खपत की जानकारी नहीं मिल पा रही है. मीटर ठीक कराने के लिए लोग ऑनलाइन शिकायत कर रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है. ऑनलाइन समाधान नहीं होने से परेशान लोग बिजली कार्यालय जाकर शिकायत दर्ज करवा रहे हैं.
अनीसाबाद की रहने वाली अदिति का स्मार्ट मीटर 3 अप्रैल को ही ख़राब हो गया था. उस दिन से केवल मीटर का फिक्स चार्ज कट रहा है. लेकिन बिजली उपयोग का शुल्क नहीं कट रहा है. जिसके बाद अदिति ने कई जगह शिकायत किया लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.
फ़ास्ट मीटर रीडिंग से बिजली बिल में गड़बड़ी की भी हैं शिकायतें
पटना के सुल्तानगंज के रहने वाले अदनान के घर में जनवरी माह में ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा था. मीटर लगने के बाद से उनके घर में ज़्यादा बिजली बिल आने लगा है. अदनान बताते हैं
मेरे बड़े भाई आज ही बिजली ऑफिस में शिकायत करने गये हैं. क्योंकि हमारे प्रीपेड मीटर में रीडिंग बहुत फ़ास्ट ले रहा है जिसके कारण बिल बहुत ज़्यादा आ रहा है. पिछले दो दिनों में मेरे यहां 700 का बिल कटा है. जबकि मेरे यहां दिन भर केवल दो पंखा और तीन बल्ब ही जलता है. अगर इसी तरह से बिल कटेगा तो महीने का 10 हज़ार से ज़्यादा का बिल आ जाएगा. प्रीपेड से पहले जब सामान्य मीटर था तब हमारे यहां मात्र 2600 से 2800 का ही बिल आता था. अब तो एक दिन में 350 रूपए तक का बिल कट जा रहा है.
लोगों की शिकायत मिलने के बाद बिजली कंपनी मुख्यालय ने ईडीएफ कंपनी को पत्र लिखकर इसको तत्काल ठीक कराने का निर्देश दिया है. शहर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर ईडीएफ कंपनी द्वारा ही लगाया जा रहा है.
निर्देश मिलने के बाद ईडीएफ ने नहीं किया मीटर ठीक
बिजली कंपनी मुख्यालय से पत्र मिलने के बाद ईडीएफ के अधिकारियों ने 12 अप्रैल को अदिति को कॉल कर कहा- आप बिजली चोरी कर रही हैं.
जिसके बाद अदिति ने जांच करने को कहा. कंपनी के तरफ से जब टीम जांच करने आई तो पता चला मॉडम ही ख़राब है. मॉडम ठीक करने के लिए कंपनी ने 15 दिन का समय मांगा. लेकिन 15 दिन बीतने के बाद भी उसे ठीक नहीं किया गया.
जिसके बाद अदिति ने मई में गर्दनीबाग डिविज़न में लिखित शिकायत किया. लिखित शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर वापस जून में ऑनलाइन शिकायत किया. जिसके बाद जूनियर इंजीनियर का फोन अदिति को आया. अदिति ने उन्हें अपनी समस्या बताई लेकिन समाधान किये बिना ही आवेदन क्लोज़ (बंद) कर दिया गया.
थक-हारकर अदिति ने जुलाई में वापस पुराने शिकायत नंबर के साथ नया ऑनलाइन कंप्लेन दर्ज कराया है.
बिजली कंपनी मुख्यालय और स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी की सुस्ती के कारण आम उपभोक्ता को समस्या उठाना पड़ रहा है. एक मॉडम बदलवाने के लिए उपभोक्ता को ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन तक ना जाने कितने बार आवेदन करने पर रहे हैं. उसके बाद भी महीनों बीतने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है.
मीटर में आ रही समस्या को क्यों दूर नहीं किया जा रहा है? इस पर जानकारी के लिए हमने बिजली विभाग में कॉल किया. विभाग में बताया गया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का विभाग पुरुषोत्तम प्रसाद (CE Commercial) देख रहे हैं.
लेकिन कई कॉल करने के बाद भी उन्होंने कॉल नहीं उठाया. जिन अधिकारियों की नियुक्ति आमलोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए किया गया है, वे ही उनकी समस्या सुनने तक की ज़हमत नहीं उठाते हैं.
नया कनेक्शन लेने के के लिए करना होगा इंतज़ार
जिले में 11 हज़ार लोगों का पोस्टपेड मीटर हटाकर प्रीपेड मीटर लगाया गया है. लेकिन प्रीपेड मीटर काम नहीं कर रहा है क्योंकि कनेक्शन चालू नहीं किया गया है. वहीं जिनके स्मार्ट मीटर का मॉडम ख़राब होगा उन्हें मॉडम बदलने के बाद बिजली खपत की जानकारी मिलेगी. क्योंकि बिजली खपत की जानकारी मीटर में रिकॉर्ड रहेगी. इसके आधार पर एक साथ बिल बन जाएगा. मीटर रिचार्ज करने पर बकाया राशि एक साथ कटेगी.
जिनका स्मार्ट प्रीपेड मीटर जल गया है उनके यहां नया मीटर लगाया जाएगा. चूंकि मीटर जलने के कारण बिजली खपत की जानकारी रिकॉर्ड नहीं होगी, ऐसे में उनका औसत बिल बनेगा. मीटर रिचार्ज करने पर बकाया राशि एक साथ कटेगी.
अगर बकाया बिल का भुगतान एक साथ करने में सक्षम नहीं हैं, तो आप किश्तों में उसका भुगतान कर सकते हैं. इसके लिए अपने डिविजन के विद्युत कार्यपालक अभियंता के पास आवेदन करना होगा. हालांकि इस आवेदन पर कितनी जल्द सुनवाई की जाएगी यह तो अधिकारियों के मन पर निर्भर करता है.
जबकि नए कनेक्शन लेने के लिए भी लोगों को इंतज़ार करना पड़ रहा है. जिले में नया कनेक्शन लेने के लिए 2000 आवेदन पेंडिंग है क्योंकि बिजली कंपनी अब पोस्टपेड कनेक्शन नहीं दे रही है. वहीं स्मार्ट मीटर लगाने वाली एजेंसी ईडीएफ के पास मीटर उपलब्ध नहीं है.