हर खेत पर तक पानी पहुंचने का वादा अधूरा, विभाग के पैसों की कमी

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हर खेत तक सिंचाई का पानी एवं जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत पटना जिले के तीन प्रखंड के आठ आहर के जीर्णोधार की योजना पर रोक दिया गया है. इस साल पैसे के अभाव में पटना के आठ आहर की सफाई नहीं हो पाई है जिसकी वजह से इस साल किसानों को सिंचाई के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. जल-जीवन-हरियाली के तहत आहर की सफाई के लिए पैसे का आवंटन होना था लेकिन पैसे का आवंटन नहीं होने के कारण एजेंसी का चयन नही हो पाया.

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पिछले कई सालों से आहर की सफाई नहीं होने से किसान को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. फुलवारी शरीफ, बिक्रम और संपतचक के आठ महत्वपूर्ण आहर की सफाई इस साल नहीं हो पाएगी.

लघु जल संसाधन विभाग की ओर से 23 मार्च को हर खेत तक सिंचाई का पानी एवं जल जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत फुलवारी प्रखंड के मंझौली कोरजी आहर, अंदा पकौली आहर, भुसौला दानापुर आहर, टऊवा चिहुट आहर, बिक्रम प्रखंड के परियावां पईन के अलावा संपतचक प्रखंड के जुझारुपुर तथा मनोहरपुर और कछुआरा आहर की सफाई के लिए निविदा निकाली गयी थी. पांच मई तक एजेंसी के चयन के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गयी थी. लेकिन अंतिम समय में सारी प्रक्रिया को यह कहकर रोक दिया गया कि पैसे नहीं हैं.

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क्या है पटना जिले के इन आठ आहर की स्थिति

जल जीवन हरियाली मिशन की वेबसाइट पर पटना जिला के अंतर्गत कुल 3248 आहर चिन्हित हैं जिनमें से 3119 का निरिक्षण किया जा चुका है और 129 का निरिक्षण अभी किया जाना है. इसमें से 606 आहर पर अतिक्रमण है जिसमे 120 आहर पर पक्का अतिक्रमण है और 465 पर कच्चा अतिक्रमण है. इनमे से 1761 आहर को पुनर्निर्माण की आवश्यकता है. वहीं 1525 आहर को पाईन से जोड़ा जा चुका है.

वहीं प्रखंड स्तर की बात करें तो फुलवारी शरीफ के भुसौला दानापुर पंचायत में तीन आहर हैं जिनमे सभी सार्वजनिक है और किसी पर अतिक्रमण भी नहीं किया गया है, लेकिन स्थिति यह है कि इनमें से किसी आहर को पाईन से नहीं जोड़ा गया है. इनमें से दो आहर में पानी भी नहीं है और वेबसाइट पर जीर्णोधार करने की श्रेणी में रखा गया है.

फुलवारी शरीफ के मेनपुरा अंदा पंचायत के मोहम्मदपुर कोरजी गांव में दो आहर हैं जिनमें से एक में पानी मौजूद है और एक में नहीं. वहीं दोनों आहर को पाईन से जोड़ा गया है. इन दोनों आहर पर अतिक्रमण है और इसे भी जीर्णोधार की आवश्यकता है.

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फुलवारी शरीफ के ही मेनपुरा अंदा पंचायत के अंदा गांव में एक आहर है उसमे पानी भी मौजूद है और उसे पाईन से भी जोड़ा गया है. लेकिन दुःख की बात है कि इसपर भी अतिक्रमण किया गया है और इसे भी जीर्णोधार की आवश्यकता है.

वही संपतचक प्रखंड के कनौजी कछुआरा पंचायत के मनोहरपुर कछुआरा गांव  में तीन आहर है जिसमे से किसी में अभी पानी उपलब्ध नहीं है जबकि तीनों आहर को पाईन से जोड़ा गया है. इनमें से तीनों आहर पर अतिक्रमण है और जिनमे से दो आहर को जीर्णोधार की आवश्यकता है.

संपतचक प्रखंड के ही लंका कछुआरा पंचायत के जुझारपुर गांव  में तीन आहर है जिसमें से तीनों  आहर को पाईन से भी जोड़ा गया है. इनमें से दो आहर में पानी भी मौजूद हैं और इस पर अतिक्रमण भी नहीं किया गया है. लेकिन सरकार अभी तक इसका जीर्णोधार नहीं कर सकी है.

राज्य सरकार के जल जीवन हरियाली योजना को शुरू करने का उद्देश्य ही सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्हित कर उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराना है. सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को जैसे तालाब, पोखर, आहर और पाईन का जीर्णोधार करना आदि रखा है. फिर भी आज तीन सालों के बाद भी इस उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

लघु जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता सुनील कुमार ने बताया

जल जीवन हरियाली योजना के तहत इस मद में पैसे का आवंटन होना था लेकिन पैसे का आवंटन नही हुआ जिसके कारण एजेंसी का चयन नहीं हो पाया. इसी कारण आहर की भी सफाई नहीं हो पाई है और जिसके कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पायेगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि जल्द ही एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा तथा अक्टूबर और नवंबर तक आहर की सफाई का काम पूरा किया जाएगा.

जल जीवन हरियाली मिशन की शुरुआत साल 2019  में राज्य सरकार ने किया था. इस योजना की शुरुआत के पीछे का कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिया था कि आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन और जल संकट से जूझ रहा है. राज्य के 280 प्रखंड सूखे से प्रभावित हैं साथ ही अधिकांश जिलों में भू-जलस्तर नीचे चला गया है. अगर पर्यावरण संतुलन के लिए तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो भविष्य में लोगों को भयंकर जल संकट से जूझना होगा.

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(इस अतिक्रमण को आज तक सरकार द्वारा ख़त्म नहीं किया जा सका)

इस योजना के तहत तीन सालों के अंदर सरकार ने 24 हजार करोड़ रूपए खर्च करने का लक्ष्य रखा था. इस योजन के तहत सरकार ने राज्य में कई करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है. साथ ही पानी के परंपरागत स्रोत जैसे तलाब, पोखर, कुओं  का जीर्णोधार करने का लक्ष्य भी रखा गया है.

जल जीवन हरियाली के तहत क्षेत्र के सभी तालाब और आहर की साफ सफाई से लेकर उसको अतिक्रमण मुक्त करने का भी लक्ष्य रखा गया है. साथ ही शहर में वाटर हार्वेस्टिंग को भी बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है ताकि जल संचय को बढ़ावा दिया जा सके. 

बिहार में लगभग हर जिले में 10 से 12 फीट की गहराई पर पानी मिल जाता है लेकिन बीते कुछ सालों में कई जिलों में पानी का जलस्तर नीचे गिरा है. बेगूसराय, भागलपुर, पश्चिमी चंपारण, गया, पटना, अरवल और बक्सर जैसे जिलों में जलस्तर नीचे गया है. इन जिलों में 17 से 25 फीट तक पानी नीचे चला गया था.