ट्रांसजेंडर समुदाय लगातार अपनी पहचान को लेकर तथा समानता के अधिकार को लेकर संघर्ष करता आया है। जिसके बाद ट्रांसजेंडर समुदाय के मुद्दों को सुना जाने लगा तथा उन्हें बिहार पुलिस में आरक्षण दिया गया।

लेकिन अभी भी उनकी पहुंच सरकारी नौकरियों से दूर है। अभी तक उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया गया है। इसी संबंध में पुलिस में आरक्षण प्राप्त करने के बाद अब ट्रांसजेंडर समुदाय ने यह मांग की है कि उन्हें सरकारी नौकरियों में भी आरक्षण दिया जाए इसके लिए पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

40,000 से ज्यादा ट्रांसजेंडरों ने HC में दायर की याचिका
40,000 से ज्यादा ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने सरकारी नौकरी में आरक्षण के लिए पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की। ग़ौरतलब है कि कोर्ट का कहना है कि जब मुट्ठी भर ट्रांसजेंडरों को सरकार पुलिस में आरक्षण दे रही है तो अन्य विभागों में नौकरी देने में क्या दिक्कत है? इस संबंध में आवेदकों ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के कहने पर उन्हें पुलिस की नौकरियों में आरक्षण देने के लिए सामान्य विभाग द्वारा कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की।
आपको बता दें जब तक सामान्य प्रशासन विभाग इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं करता तब तक ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी नौकरी में आरक्षण नहीं मिलेगा। राज्य सरकार की ओर से दायर अधिवक्ता अजय ने कोर्ट से कहा कि राज्य सरकार ट्रांसजेंडर को पिछड़ा वर्ग का लाभ दे रही है इसलिए अलग से आरक्षण देने का कोई मतलब नहीं बनता।

कोर्ट सरकार से 4 हफ्ते में जवाब तलब किया
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने की। याचिका वीरा यादव द्वारा दायर की गई थी। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से 4 हफ्तों में जवाब तलब किया है। बता दे इस मामले की सुनवाई भी 4 हफ्ते बाद ही की जाएगी।