उत्तराखंड के उत्तरकाशी से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तरकाशी में ट्रैकिंग करने गए एक ट्रैक्टर्स की टीम को खराब मौसम ने अपनी चपेट में ले लिया, जिसकी वजह से ट्रैक्टर्स रास्ता भटक गए. रास्ता भटकने और ख़राब मौसम के कारण ठंड में चार ट्रैकर्स की मौत हो गई है, जबकि 8 ट्रैक्टर्स अब भी निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
उत्तरकाशी के उच्च हिमालय क्षेत्र सहस्रताल में 22 सदस्य एक टीम ट्रैकिंग पर गई थी, जिसमें से चार सदस्य की ठंड लगने से मौत हो गई. दल के आठ सदस्यों की तबीयत खराब हो गई है, जिन्हें रेस्क्यू करने के लिए जमीन से लेकर हवाई मार्ग तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की कोशिश जारी है. ट्रैकिंग पर गए जिन चार लोगों की मौत ठंड से हुई है उनकी बॉडी भी ट्रैक रूट पर ही है. 22 सदस्य टीम में से 10 ट्रैक्टर्स को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है. रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस की दो टीम देहरादून से मौके के लिए रवाना हुई है. उनके साथ ही एक टीम को बैकअप में भी रखा गया है.
खराब मौसम के कारण
22 सदस्य ट्रैकिंग टीम 29 मई को सहस्त्रताल ट्रैक पर गई थी, जिसमें कर्नाटक से 18, महाराष्ट्र से एक और तीन स्थानीय गाइड शामिल थे. ट्रैकिंग खत्म कर 7 जून को इन्हें वापस लौटना था. वापसी के दौरान 2 जून को ट्रैकर्स कोकली टॉप बेस पहुंचे, 3 जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए, इसी दौरान मौसम खराब हो गया. बर्फीली बारिश शुरू और घना कोहरा छाने से दल रास्ता भटक गया. रास्ता भटकने की सूचना माउंटेनियरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी को दी गई. सूचना मिलने के बाद ट्रैक्टर्स की छानबीन की गई, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. इसके बाद एजेंसी ने उत्तरकाशी डीएम को इसकी जानकारी दी, तब रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत की गई. बुधवार सुबह भी हेलीकाप्टर के जरिए एसडीआरएफ की टीम को रेस्क्यू के लिए भेजा गया था.
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉक्टर मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि ट्रैक्टर्स को बाहर निकालने के लिए जमीन और हवाई बचाव अभियान शुरू किया गया है. अब तक कुल आठ लोगों को बचा लिया गया है, जिसमें चार पुरुष और चार महिलाएं शामिल है. शवों को निकालने के लिए वायु सेवा से भी अनुरोध किया गया है. इसके अलावा हेलीपैड पर भी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं.