पटना हाईकोर्ट ने छठे चरण में नियुक्त हुए 22 हज़ार से ज्यादा प्राइमरी शिक्षकों को एक बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने बुधवार को नियोजित शिक्षकों को अयोग्य घोषित कर दिया है.
2023 के मार्च तक छठे चरण के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. जिसमें 22 हज़ार से ज्यादा शिक्षक B.ed धारक थे. B.ed धारक शिक्षकों को क्लास एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ने के लिए कोर्ट ने अयोग्य घोषित किया है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने इस फैसले को सुनाया है.
नियुक्तियों को फिर से भरा जाएगा
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से कोर्ट बंधा हुआ है. कोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करना ही होगा. कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि B.ed पास जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई है उसे रद्द किया जाएगा और उन नियुक्तियों को फिर से भरा जाएगा.
बिहार में 2022 में ही छठे चरण की नियुक्तियों को भरना शुरू किया गया था. जिसके लिए 42 हज़ार पदों पर नियुक्तियां की गई थी. इन 42000 शिक्षकों में से 22 हज़ार नियोजित शिक्षक क्लास 1 से 5 तक के लिए बहाल हुए थे. सरकारी इन शिक्षकों को 2 साल के अंदर ब्रिज कोर्स करवा रही थी. हालांकि अभी तक सरकार ने इन शिक्षकों को ब्रिज कोर्स नहीं करवाया है.