दिल्ली महिला आयोग (DCW) में कार्यरत 223 कर्मचारियों को दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) के आदेश पर तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. एलजी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इन 223 कर्मचारियों की नियुक्ति दिल्ली महिला आयोग की की तत्कालीन अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने नियमों के विरुद्ध जाकर की थी. दिल्ली महिला एवं बाल विकास विभाग ने 29 अप्रैल को दिल्ली महिला आयोग को यह पत्र भेज था.
उपराज्यपाल द्वारा जारी आदेश में DCW एक्ट का भी हवाला देते हुए बताया गया है कि आयोग में केवल 40 पद ही स्वीकृत हैं. आयोग को संविदा पर कर्मचारियों को रखने का अधिकार नहीं है.
स्वाति मालीवाल ने दिल्ली महिला आयोग (Delhi Women Commission) के अध्यक्ष पद से जनवरी 2024 में इस्तीफा दिया था. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने उन्हें राजसभा के लिए नामिनेट किया था. स्वाति मालिवाल इससे अरविंद केजरीवाल की सलाहकार के तौर पर काम कर चुकी थी.
वहीं दिल्ली महिला आयोग के एडिशनल डायरेक्टर की और से जारी आदेश में कहा गया है कि नई नियुक्तियों से पहले पदों का मूल्यांकन नहीं किया गया था. और ना ही अतिरिक्त वित्तीय बोझ के लिए अनुमति मांगी गयी थी. एलजी द्वारा यह कार्रवाई फरवरी 2017 में सौपें गये जांच रिपोर्ट के आधार पर किया गया है.
हाईकोर्ट पहुंचे कर्मचारी
एलजी के आदेश पर नौकरी से निकाले गये 223 कर्मचारी अब हाईकोर्ट पहुंच गये हैं. कर्मचारियों ने कोर्ट में वेतन भुगतान के लिए याचिका दायर की है. हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में वेतन भुगतान का आदेश दिया है. वहीं इसके बाद DWC ने हाईकोर्ट में एफिडेविट दायर कर कहा कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति नियम और शर्तों के विरुद्ध हुई है. साथ ही ऑडिट रिपोर्ट में काफी गड़बड़ियां है. जिसके बाद एंटी करप्शन ब्रांच में मामला दर्ज हुआ है.