बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के कायापलट की जिम्मेदारी ली है. राज्यों के स्कूलों के मरम्मत, रंगन-रोगन, लाइट, बल्ब, पंखा, शौचालय मरम्मती इत्यादि के लिए विभाग की ओर से स्कूलों को रकम भेजी गई है. इस रकम से अतिरिक्त कक्षाओं के संचालन के लिए कमरे और शौचालय इत्यादि बनाए जाएंगे. शिक्षा विभाग ने इसे लेकर एक लेटर भी जारी किया है, जिसके मुताबिक स्कूलों के मरम्मती पर 50 हजार रुपए प्रति स्कूल के बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए हैं.
विभाग से मिले इस राशि से बल्ब, पंखा, ट्यूबलाइट आदि की मरम्मत होगी. इनके अलावा शौचालय, नल, समरसेबल, पाइप, ओवर हेडटैंक, खिड़की, किवाड़ की मरम्मती भी होगी. समय-समय पर जरूरत के अनुसार ब्लैक बोर्ड की रंगाई पर पैसे खर्च किए जाएंगे. साथ ही डेस्क, टेबल, अलमारी की मरम्मती. पेंटिंग, किचन सामग्री की मरम्मती. प्रयोगशाला सामग्री की मरम्मती. कंप्यूटरों की मरम्मती. स्कूल के छत, टूटे फर्श, जल जमाव के निकासी, जंगल झाड़ सफ़ाई इत्यादि पर खर्च होंगे.
स्कूलों के बैंक खाते में इन सभी काम के लिए पैसे रहने जरूरी है. ताकि स्कूल संबंधित समस्याओं का समय पर समाधान हो सके. विभाग ने पत्र में आगे लिखा है कि निरीक्षण के दौरान अगर उल्लेखित मरम्मती काम नहीं किए गए होंगे, तो स्कूल के प्रिंसिपल और प्रभारी प्रिंसिपल की जवाबदेही होगी. साथ ही डीएम को मरम्मती कार्यों के निरीक्षण का निर्देश विभाग ने दिया है.