बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी पहले हाफ में खूब हंगामा हुआ. सदन के इतिहास में पहली बार कुछ ऐसा हुआ जिस पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा था.
दरअसल, सत्र के दौरान विपक्ष खूब हंगामा कर रहा था. इस दौरान सदन में बागी विधायकों पर कार्रवाई न करने और सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर राजद सवाल खड़े कर रहा था. विधायकों का बवाल देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि स्पीकर को सदन में मार्शल बुलाने पड़े और सदन की कार्रवाई को भी स्थगित करना पड़ा.
पूरा मामला 2024 में राजद और जदयू के अलगाव से जुड़ा हुआ है. अलगाव के बाद नीतीश कुमार ने विश्वास मत पेश किया था. इस प्रस्ताव के समर्थन में राजद के तीन विधायक आग गए. इसके बाद राजद ने इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की कवायद शुरू की, जिसके लिए स्पीकर को अर्जी दी गई. 10 महीने बीत जाने के बाद भी इन विधायकों की सदस्यता खत्म नहीं की गई है. जिस पर राजद के नेता ने स्पीकर की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. राजद नेताओं का कहना है कि आखिर स्पीकर किसी दबाव में बागी विधायकों की सदस्यता रद्द नहीं कर रहे हैं.
राजद के बागी विधायकों को मंत्री सीट पर बिठाया गया है. जिस पर राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सवाल उठाया. मगर स्पीकर ने इस पर कुछ नहीं कहा. भाई वीरेंद्र ने कहा कि जब ऐसी स्थिति है तो मैं भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ सकता हूं. इसके बाद वह सीएम कुर्सी पर बैठने की कोशिश करने लगे. जिस पर स्पीकर आग बबूला हो गए, उन्होंने कहा कि अगर आप ऐसा करेंगे तो यह बड़ी गलती होगी. गुस्से में स्पीकर ने मार्शल बुलवाकर भाई वीरेंद्र को बाहर करवा दिया और सदन की कार्रवाई दोपहर 2:00 तक के लिए स्थगित कर दी.
सदन के अंदर इस हाई वोल्टेज ड्रामा पर तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सीटिंग अरेंजमेंट में तीन सत्र से राजद के बागी विधायक मंत्रियों की सीट पर बैठ रहे हैं. नियमानुसार वह आज भी राजद के विधायक है. उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. सदन को नियम से चलाने की जरूरत है और इसके लिए मुझे स्पीकर पर भरोसा है. जहां तक भाई वीरेंद्र की बात है तो वह सिर्फ सीएम की कुर्सी के पास खड़े थे.
भाई वीरेंद्र ने कहा कि हमारे दल के तीन विधायक जो सत्ता पक्ष में जाकर बैठते हैं, हमारी मांग है कि उनका सीट अलॉटमेंट जहां है वह वहीं बैठे, नहीं तो उनकी सदस्यता रद्द की जाए. उन्होंने आगे कहा कि हम केवल सचेत करने के लिए सीएम की कुर्सी तक पहुंचे थे.