बिहार में जिस सक्षमता परीक्षा को लेकर इतने दिनों से बवाल मचा हुआ था, वह आज से शुरू हो गई है. राज्य में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने वाली परीक्षा का आगाज सोमवार से शुरू हो चुका है. यह परीक्षा आने वाले 6 मार्च तक राज्य में चलेगी. इस सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा.
परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन मोड में कराया गया है. बिहार के 9 जिलों में परीक्षा के लिए 52 केंद्र बनाए गए हैं. आज से शुरू हुई इस परीक्षा में 2.32 लाख शिक्षक शामिल होंगे. सक्षमता परीक्षा हर दिन दो पालियों में आयोजित होगी, जिसमें पहली पाली का रिपोर्टिंग टाइम सुबह 8:30 बजे से शुरू हो जाएगा. परीक्षार्थियों को 9:30 बजे तक केंद्र पर पहुंच जाना होगा, नहीं तो गेट बंद हो जाएगा. पहली पाली की परीक्षा सुबह 10:00 बजे से 12:30 बजे तक चलेगी. दूसरी पाली में केंद्र पर रिपोर्टिंग टाइम 1:30 बजे रखा गया है, 2:30 बजे तक गेट बंद हो जाएगा. दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 3:00 बजे से शुरू होकर शाम के 5:30 बजे तक चलेगी.
दिव्यांग शिक्षकों के लिए विशेष छूट
दिव्यांग शिक्षकों के लिए परीक्षा के समय में छूट दी गई है. दिव्यांग शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए पहली पाली की परीक्षा सुबह 10:00 बजे से 1:20 तक होगी. दूसरी पाली की परीक्षा 3:00 से 6:20 तक होगी.
पहले सक्षमता परीक्षा 16 मार्च तक आयोजित होने वाली थी, इसके बाद परीक्षा के तिथियों में बदलाव कर इसे 6 मार्च तक के लिए किया गया है.
परीक्षा के पहले बीएसईबी ने प्रेस बयान जारी करते हुए बताया कि शांतिपूर्ण और कदाचार मुक्त परीक्षा आयोजित करने के लिए व्यवस्था की गई है. कंप्यूटर केन्द्रों पर बायोमैट्रिक अटेंडेंस ली जाएगी और किसी भी पदाधिकारी, कर्मी, वीक्षक और परीक्षार्थी को मोबाइल फोन या किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक समान परीक्षा केंद्र में अंदर ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. सुरक्षा और कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए कंप्यूटर केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में सशस्त्र पुलिस बल के दंडाधिकारियों की प्रति नियुक्ति की गई है.
मालूम हो के इस परीक्षा में मल्टीप्ल चॉइस बेस्ड क्वेश्चन पूछे जाएंगे. हर एक सवाल पर एक अंक मिलेगा और कोई भी नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी.
बीते दिनों इस साक्षमता परीक्षा के विरोध में बिहार शिक्षक संघ ने खूब हंगामा किया था. शिक्षकों ने परीक्षा के विरोध में एडमिट कार्ड तक जलाकर प्रदर्शन किया था. इसके अलावा नियोजित शिक्षकों ने पटना में कई दिनों तक परीक्षा के विरोध में विधानसभा मार्च, प्रदर्शन भी किया था. शिक्षकों के प्रदर्शन के बाद शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को नहीं घबराने की सलाह दी थी.