पटना हाईकोर्ट ने बीते दिन ही छठे चरण में नियुक्त हुए 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नौकरी से हटाकर एक बड़ा झटका दिया था .पटना हाईकोर्ट ने शिक्षकों के बाद अब कोर्ट ने लैब टेक्निशियन को भी एक बड़ा झटका दिया है.
गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में अनुबंध पर बहाल हुए लैब टेक्नीशियन से संबंधित मामले पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई में कहा कि सिर्फ अनुभव के आधार पर लैब टेक्निशियन को नौकरी नहीं दी जा सकती है.
लैब टेक्निशियन को काम के अनुभव के आधार पर स्थाई नहीं
राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में 2005 से ही अनुबंध के तौर पर काम कर रहे, लैब टेक्निशियन को 2014 में नए नियम के बाद पदों पर से हटा दिया गया था. इसके बाद बड़ी संख्या में याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में इस पर सुनवाई के लिए अर्जी दी थी.
कोर्ट ने कहा है कि लैब टेक्निशियन को काम के अनुभव के आधार पर स्थाई नहीं किया जा सकता है. उन्हें अनुभव के आधार पर कोई पात्रता नहीं हासिल है. कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार की तरफ से मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा प्रस्तावित प्रयोगशाला तकनीशियन में डिप्लोमा की योग्यता नहीं है तो वह अपने पद पर नहीं बने रह सकते हैं.