दिल्ली में आईएएस कोचिंग सेंटर हादसे के पास बिहार में प्रशासन जग गया है. दिल्ली हादसे के बाद पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने 20,000 से अधिक कोचिंग संस्थाओं की जांच का आदेश दिया है. सोमवार को अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में 6 टीमों का गठन किया गया, जो राजधानी के कोचिंग सेंटरों की जांच करेगी.
दिल्ली घटना पर दुख सताते हुए डीएम ने कहा कि दिल्ली की घटना बहुत दुखद है. ऐसी घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए जिले में चल रहे कोचिंग संस्थानों की जांच जरूरी है. जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी करेंगे. 6 टीमों में संबंधित नगर परिषद या नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी, प्रखंड या अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, थाना प्रभारी, अग्निशमन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी शामिल है.
मंगलवार से कोचिंग संस्थानों की जांच शुरू हो जाएगी, जिसकी रिपोर्ट दो हफ्तों में सौंपने का आदेश दिया गया है. जांच में टीम यह पता करेगी कि कोचिंग संस्थान मानक के अनुसार चलते हैं या नहीं. जो भी कोचिंग संस्थान मानकों का पालन नहीं कर रहे होंगे उन्हें बंद किया जाएगा. जांच टीम यह भी देखेगी कि कोचिंग संस्थान की बिल्डिंग में बाय लॉस का अनुपालन, फायर एग्जिट की व्यवस्था, कोचिंग संस्थान में प्रवेश और निकास के लिए पर्याप्त जगह और आकस्मिक हालातों से निपटने के लिए व्यवस्था है या नहीं.
बता दें कि शनिवार को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में अचानक पानी भर गया. पानी भरने के कारण बेसमेंट की लाइब्रेरी में पढ़ने वाले तीन छात्रों की मौत हो गई थी. कई फंसे हुए छात्रों को रस्सी की मदद से बाहर निकाला गया था. घटना के समय लाइब्रेरी में 30 से 35 से छात्र पढ़ रहे थे.