मोतिहारी में सड़क पर हवाई जहाज, देखने पहुंचे लोग, 28 घंटे तक एनएच जाम

बिहार के मोतिहारी जिला के पिपरा कोठी ओवरब्रिज के नीचे एक फ्लाइट की बॉडी अचानक ही शुक्रवार की सुबह अटक गई, जिसको देखने के लिए सैकड़ो लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई.

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रोड पर अटका एयरोप्लेन

रोड पर अटका एरोप्लेन

सोचिए कि आप पर सड़क पर चल रहे हैं और अचानक ही आपको रोड पर एयरोप्लेन नजर आ जाए तो आप क्या करेंगे? आम इंसान तो रुक कर एक बार जरूर इस मंजर को देखेगा. वही अगर जब कोई एयरोप्लेन ओवर ब्रिज के नीचे अटक जाए तब आप क्या करेंगे? तब शायद लोग इसकी फोटो और वीडियो बनाएंगे और यह खबर आग की तरह फैल जाएगी.

ओवरब्रिज ने नीचे फंसी फ्लाइट की बॉडी

आज बिल्कुल ऐसा ही नजारा बिहार में भी देखने को मिला. जी हां अजीबोगरीब घटनाओं का राज्य एक बार फिर से एक अलग तरह की घटना का शिकार हो गया.  बिहार के मोतिहारी जिला के पिपरा कोठी ओवरब्रिज के नीचे एक फ्लाइट की बॉडी अचानक ही शुक्रवार की सुबह अटक गई, जिसको देखने के लिए सैकड़ो लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई. कई लोग असमंजस में यह देख रहे थे, उन्हें लगा की कैसे कोई फ्लाइट रोड पर लैंड हो गई. 

इस घटना के बाद एनएच28 पर लगभग 2 से 3 घंटे तक आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई. 

दरअसल मोतिहारी में एक लॉरी एरोप्लेन की बॉडी को लेकर जा रही थी, तभी अचानक रास्ते में ओवर ब्रिज के नीचे बॉडी अटक गई. जिसकी खबर आसपास में फ फैल गई. मौके पर लोग एरोप्लेन के साथ फोटो खिंचाते और वीडियो बनाते हुए नजर आए.

खबरों के मुताबिक एयरोप्लेन को किसी व्यवसायी ने मुंबई की नीलामी से कबाड़ के रूप में खरीदा था. एयरोप्लेन एक लॉरी से मुंबई से असम जा रही थी, तभी मोतिहारी में ओवरब्रिज के नीचे अटक गई. एयरोप्लेन के ऊपरी हिस्से को निकालने का प्रयास लॉरी ड्राइवर ने काफी देर तक किया लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी.

टायर की हवा कम करा बाहर निकाला

एयरोप्लेन ब्रिज के नीचे से काफी देर तक नहीं निकाला. इसके बाद यह सूचना पिपरा कोठी थाना अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह तक पहुंची. खबर के बाद मौके पर एएसआई राजेश कुमार सहित कई अधिकारी पहुंचे और एयरोप्लेन की बॉडी को ट्रक टायर की हवा निकलवा कर ब्रिज के नीचे से निकाला गया. 

पिपरा कोठी थाना अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एयरोप्लेन की बॉडी ओवर ब्रिज के नीचे फंस गई थी. इसके बाद वह निकल नहीं पा रही थी. एयरोप्लेन की बॉडी को निकालने के लिए ट्रक के चक्के की हवा को काम कराया गया, जिससे ऊंचाई कम हुई और फिर उसे वहां से निकाल लिया गया.

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