अमित शाह के फेक वीडियो मामले के तार अब दिल्ली से उठकर झारखंड तक जुड़ गए है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल ब्रांच ने झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को अमित शाह फेक वीडियो मामले में नोटिस भेजा है. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को दिल्ली पुलिस ने नोटिस भेज कल सुबह 10:30 बजे दिल्ली पुलिस स्पेशल की जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा है.
पुलिस का तानाशाही रवैया
राजेश ठाकुर को दिल्ली पुलिस की तरफ से यह नोटिस सीआरपीसी की धारा 160/91 के तहत भेजा गया है. राजेश ठाकुर को नोटिस के जरिए लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक सामानों को भी साथ में लाने के लिए कहा गया है. इस पूरे मामले पर राजेश ठाकुर ने बताया कि मुझे एक नोटिस भेजा गया है. अभी यह समझ से परे है कि वह मुझे क्यों भेजा गया है. मैं समझता हूं कि यह तानाशाही है. जिसको जो मन में आ रहा है वह कर रहा है. अगर कोई शिकायत है तो पहले देखना चाहिए कि मेरे ट्विटर हैंडल पर वह चीज है या नहीं.
अभी चुनावी माहौल चल रहा है, ऐसे में मेरी व्यवस्था को समझा जाए. इस तरह से बिना जांच पड़ताल के यह नोटिस भेज कर बुलाना सही नहीं है. इस पूरे मामले पर मैंने अपने सलाहकार से राय मांगी है. हम देख रहे हैं कि इस पूरे मामले पर हम क्या कर सकते हैं, दिल्ली उपस्थित होने में किस तरह से छूट मिल सकती है. उन्होंने आगे कहा कि जो भी होगा उसका मुकम्मल जवाब दिया जाएगा.
रिजर्वेशन खत्म करने का दावा
यह पूरा मामला 27 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जुड़े एक वीडियो का है. वीडियो में अमित शाह को कहते हुए देखा गया कि भाजपा की सरकार बनेगी तो एससी-एसटी और ओबीसी का रिजर्वेशन खत्म कर दिया जाएगा. जिस पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई. वीडियो को लेकर कई कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ एक्शन जारी है. दरअसल कांग्रेस नेताओं ने इस वीडियो को अपने एक्स हैंडल पर साझा किया था. वायरल वीडियो पर भाजपा ने साफ किया कि उनके नेता ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. चुनाव प्रभावित करने के लिए एडिटेड वीडियो को वायरल किया जा रहा है. अमित शाह के फेक वीडियो मामले में देश के अलग-अलग थानों में शिकायत भी दर्ज कराई गई है. वही एक्स से भी वीडियो को पहले कब पोस्ट किया गया था इसकी जानकारी मांगी गई है.