पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन एंटी रेप बिल पेश किया गया. ममता सरकार की ओर से इस बिल को कानून मंत्री मोलॉय घटक ने पेश किया. विधेयक का नाम (अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक)पश्चिम बंगाल अपराधिक कानून एवं संशोधन विधेयक 2024 दिया गया है. बिल के अनुसार रेप के दोषी को 10 दिन में मौत की सजा देने का प्रस्ताव रखा गया. इसके साथ ही रेप मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने का भी प्रावधान जोड़ा गया है.
अपराजिता विधेयक को पेश करने के लिए दो दिनों का विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया. माना जा रहा है कि विधानसभा में यह बिल आज ही पास हो जाएगा. दरअसल भाजपा की तरफ से भी इस विधेयक का समर्थन किया जा रहा है. रविवार को भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी के इस विधेयक का हम समर्थन करेंगे.
अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 महिला और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लाया गया है. रेप केस की जांच को 21 दिन में पूरा करने और इसे आगे 15 दिन तक बढ़ाए जाने का विधेयक में प्रावधान है. अगर रेप पीड़िता की मौत होती है या फिर वह कोमा में जाती है तो दोषी को फांसी की सजा देने का प्रावधान. इसके साथ ही हर जिले में अपराजिता टास्क फोर्स बनाने और इसका नेतृत्व डीएसपी लेवल के अधिकारी से कराने का प्रावधान. यह टास्क फोर्स रेप, एसिड अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों पर एक्शन लेगी. रेप और गैंगरेप के दोषियों को पैरोल के बिना उम्रकैद की सजा देने का भी प्रावधान विधेयक में लाया गया है. इनके अलावा पीड़िता की पहचान को उजागर करने वालों के खिलाफ भी सख्त एक्शन का प्रावधान शामिल है.
विधानसभा से विधेयक पास होने के बाद इसे हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. उसके बाद यह बिल राज्य में लागू हो जाएगा.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप और उसके बाद मर्डर हुआ. इस घटना के बाद बंगाल समेत देशभर में प्रदर्शन हुए. आज भी बंगाल में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है. घटना के बाद ममता सरकार ने रेप पर बिल लाने का ऐलान किया था.