बिहार में बीते दो महीनों में डेढ़ दर्जन के करीब पुल गिर गए. राज्य के अलग-अलग जिलों से पुल गिरने के मामले लगातार सामने आए हैं. कुछ इलाकों में पुल गिरे, तो कहीं डायवर्सन बह गया, तो वहीं कई जगहों पर पिलर धंस गया है. दर्जनों पुल हादसों के बाद सरकार के कामकाज पर सवाल उठने लगे थे, जिसका उपाय ढूंढ लिया गया है. दरअसल अररिया जिले में भी पुल गिरने का मामला हुआ, जिसके बाद विभाग ने नदी की जगह खेतों में पुल बनाने का काम शुरू किया है.
अररिया जिले के रानीगंज प्रखंड के परमानंदपुर गांव में बीच खेत में ही लाखों रुपए की राशि से पुल निर्माण कराया गया. पुल के लिए ना तो सड़के हैं और ना ही अप्रोच पथ बनाया गया है. बीच खेत में खड़ा यह पुल लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है. इस पुल को किस योजना के तहत बनवाया गया है, इसका भी बोर्ड नहीं है. जानकारी के मुताबिक ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा पुल का निर्माण कराया गया है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि खेत के बीचों बीच बना यह पुल करीब 6 माह से यूं ही है. हो सकता है ग्रामीण कार्य विभाग ने पहले ही नदियों में पुल बहने के खतरे को भांप लिया हो.
पुल निर्माण के बाद अब लोग इसके लिए सड़क निर्माण की राह देख रहे हैं. वही जिस जगह पर पुल बना है ,वहां आस-पास कोई नदी भी नहीं है.