बिहार में सियासी खलबली साफ तौर पर दिखाई दे रही है. बीते 1 महीने से बिहार की सियासत शांत होने का नाम ही नहीं ले रही है, कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर चर्चा रहती है तो कभी फ्लोर टेस्ट. अब नई चर्चा विधानसभा के स्पीकर को लेकर शुरू हो गई है. दरअसल नई सरकार बनने के बाद विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को लेकर भाजपा और जदयू की ओर से जोर दिया जा रहा है कि वह अपना इस्तीफा सौंप दे.
लेकिन स्पीकर अवध बिहारी चौधरी भी अब ठन गए हैं. अवध बिहारी चौधरी ने साफ तौर पर कह दिया है कि वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी उन्होंने कहा कि उन्हें आज ही इस अविश्वास प्रस्ताव की जानकारी मिली है. इस प्रस्ताव का फैसला विधायक करेंगे और विधानसभा की प्रक्रिया नियमावली के अनुसार चलती रहेगी.
स्पीकर को हटाने की जोर
12 फरवरी को विधानसभा के सत्र शुरू होने वाला हैं, जिसमें राज्य में गठित एनडीए की सरकार का फ्लोर टेस्ट भी होना है. उसके पहले महागठबंधन और एनडीए की ओर से स्पीकर के पद को लेकर तनातनी शुरू हो गई है. सत्ता परिवर्तन होने के बाद एनडीए लगातार स्पीकर को हटाने के लिए जोर दे रहा है और नोटिस भेज रहा है, लेकिन स्पीकर और राजद के विधायक अवध विहार चौधरी ने स्पष्ट रूप कह दिया है कि वह स्पीकर की कुर्सी नहीं छोड़ने वाले हैं और 12 फरवरी को होने वाले विधानसभा सत्र की अध्यक्षता भी करेंगे. स्पीकर ने कहा कि सदन में संख्या बल देखना मेरा काम नहीं है जो काम जैसे होता है वैसे होता रहेगा. सदन नियम से चलता है और हम किसी भी हालत में इस्तीफा नहीं देंगे.
12 फरवरी को होने वाला फ्लोर टेस्ट एक नाम मात्र का फ्लोर टेस्ट कहा जा रहा है. एनडीए की सरकार में वर्तमान समय में 128 विधायक है, जिसमें से भाजपा के 78, जदयू के पास 45 और हम के पास चार विधायक है.
17वें विधानसभा में दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इसके पहले 2022 में विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. विजय कुमार सिन्हा के पहले कांग्रेस के शिवचंद्र झा और विंधेश्वरी प्रसाद वर्मा के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.