बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में मीडिया के एंट्री पर रोक लगा दी है. शिक्षा विभाग के नए आदेश से अब सरकारी स्कूलों में मीडिया नहीं जा सकेगी. इसके संबंध में विभाग ने सभी शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि स्कूलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केवल स्कूल के प्रिंसिपल ही प्रेस ब्रीफिंग के लिए अधिकृत होंगे. अन्य कोई शिक्षक प्रेस ब्रीफ नहीं करेंगे. विगत दिनों में यह देखा गया है कि विभागीय आदेश के बिना कई संस्था के प्रतिनिधि, व्यक्ति विभिन्न उद्देश्यों और विभिन्न उपकरण जैसे माइक, कैमरा के साथ विद्यालय परिसर में जाकर वहां के शैक्षणिक कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करते हैं.
विभाग के इस फैसले के बाद अब स्कूल के परिसर में मीडिया नहीं जा सकेगी. हालांकि प्रिंसिपल की अनुमति के बाद स्कूल परिसर में जाने की अनुमति होगी. विभाग का मानना है कि मीडिया के स्कूल में प्रवेश से छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और इससे पढ़ाई भी बाधित होती है.
बता दें कि इन दिनों सरकारी स्कूलों में मीडिया और कई तरह के लोग बिना रोक-टोक आते जाते देखे गए हैं. कई बार कुछ अनाधिकृत यूट्यूबर भी स्कूलों में पहुंचकर वीडियो बनाने लगते थे, जिससे पढ़ाई में बाधा होती थी. हालांकि एक तरह से यह फैसला सही है तो इसका दूसरा रूप भी है. मीडिया को अगर स्कूलों में प्रवेश नहीं मिलेगा तो स्कूलों की दूर्दशा, बदहाली लोगों के सामने कैसे आएगी. स्कूल के प्रिंसिपल कभी अपने स्कूलों की खराब हालत या बच्चों की मूल समस्याओं को स्वयं मीडिया में आकर ना तो बताएंगे और ना ही स्कूल में आने की अनुमति देंगे. विभाग के इस फैसले को कई लोग स्वतंत्रता का हनन भी बता रहे हैं.