बिहार में बढ़ते प्रदूषण के बीच दीपावली की आतिशबाजी पर रोक लगा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने राजधानी पटना समेत चार शहरों में सभी तरह के पटाखे पर प्रतिबंध लगाया है. एक्यूआई लेवल खराब, बहुत खराब और गंभीर को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. पटना जिला प्रशासन ने भी इसे सख्ती से लागू करने के आदेश दे दिए हैं. राजधानी पटना के अलावा गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में भी पटाखे पर बैन लगाया गया है.
बिहार सरकार ने आदेश जारी करते हुए राज्य के चार शहरों में हरित पटाखे सहित सभी तरह के पटाखे की बिक्री या इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकारी आदेश के मुताबिक पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर नॉन-अटेनमेंट शहरों की श्रेणी में है. जिसका मतलब है कि इन शहरों में वायु गुणवत्ता केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार राष्ट्रीय मानकों से ज्यादा और प्रदूषित है. ऐसे में इन शहरों में किसी भी तरह के पटाखे की बिक्री के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा. एनजीटी के आदेश में कहा गया कि पटाखों के फोड़ने से वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है. जिससे जहरीले वायु प्रदूषण और धूल के कण वायुमंडल में फैलते हैं. यह धुंआ आंखों, गले, फेफड़े, दिल और त्वचा को प्रभावित करता है.
हालांकि बिहार के अन्य जिलों में वायू गुणवत्ता बनाए रखने के लिए दीपावली पर केवल हरे या पर्यावरण के अनुकूल पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी.
वहीं पड़ोसी राज्य झारखंड में दीपावली और छठ के मौको पर केवल 2 घंटे पटाखे छोड़ने की एडवाइजरी जारी की गई है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने केवल रात 8:00 बजे से 10:00 बजे के बीच ही पटाखे जलाने की अनुमति दी है.
बता दें कि दीपावली को देखते हुए देश की राजधानी दिल्ली में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है. दिल्ली सरकार की ओर आदेश जारी किया गया कि 1 जनवरी तक शहर में सभी तरह के पटाखे के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक रहेगी.