बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. बीते दिनों से ही यह प्रदर्शन देश के अलग-अलग राज्यों में बढ़ रहा है. गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के मुख्य सरकारी टीवी चैनल को आग लगा दी. टीवी चैनल BTV के बिल्डिंग में आग लगने के बाद कई लोग अंदर फंसे हुए थे. चैनल में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि शाम में सैकड़ो प्रदर्शनकारी टीवी ऑफिस के कैंपस में घुस गए. कैंपस में प्रदर्शनकारियों ने खड़ी गाड़ियों को आग लगा दी, आग की चपेट में करीब 60 गाड़ियां जल गई. गुरुवार को ही प्रधानमंत्री शेख हसीना ने BTV को इंटरव्यू दिया था.
इस प्रदर्शन में गुरुवार को करीब 25 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा 1000 से भी ज्यादा लोग प्रदर्शन के कारण घायल हुए हैं.
दरअसल देश के विश्वविद्यालयों के कई छात्र 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ नौकरियों को आरक्षित करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में मरने वाले लोगों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है. लेकिन खबरों के मुताबिक इस प्रदर्शन में अधिकतर छात्रों की मृत्यु हुई है.
लगातार बढ़ते हुए प्रदर्शन के कारण गुरुवार को ढाका आने-जाने वाली रेल सेवाओं के साथ-साथ राजधानी के अंदर मेट्रो रेल को भी बंद किया गया था. ढाका सहित देशभर में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. प्रदर्शन के दौरान देश में कई जगहों पर सन्नाटा छाया हुआ है. हालांकि इस दौरान सरकारी कार्यालय बैंक खुले हैं, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश, दंगा रोधी पुलिस और विशिष्ट अपराध विरोधी रैपिड एक्शन बटालियन ढाका इत्यादि सड़कों पर तैनात है.
वर्तमान में बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत 56% सरकारी नौकरियां आरक्षित हैं. जिनमें से 30% 1971 के मुक्ति संग्राम के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए हैं. 10% पिछड़े प्रशासनिक जिलों, 10% महिलाओं, 5% जातीय अल्पसंख्यक समूहों और एक प्रतिशत नौकरियां दिव्यांगों के लिए आरक्षित है.