टेंडर घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम जेल में बंद है. मंत्री आलम के जेल जाने के बाद उनसे सारे विभागों की जिम्मेदारी छीन ली गई है. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंत्री आलम से सभी विभागों की जिम्मेदारियां वापस ली है. टेंडर कमीशन घोटाले में ईडी ने मंत्री आलम को 15 मई को गिरफ्तार किया था, गिरफ्तारी के बाद से ही विभाग का कामकाज प्रभावित हो रहा था, जिसके बाद झारखंड सीएम ने यह फैसला लिया.
आलमगीर आलम झारखंड में ग्रामीण विकास मंत्री के पद पर थे. इसके अलावा वह संसदीय कार्य, ग्रामीण कार्य और पंचायती राज विभाग भी संभालते थे. टेंडर कमिशन घोटाला मामले में नाम आने के बाद मंत्री आलम से लगातार इस्तीफे की मांग की जा रही थी. जिसके बाद सीएम चंपई ने ही उनसे सभी विभाग वापस ले लिए. सीएम की इस कार्रवाई के से कांग्रेस को तगड़ा झटका लग सकता है.
कैश की हेरा फेरी का आरोप
बता दे कि केंद्रीय मंत्री आलमगीर आलम को टेंडर घोटाला मामले में कैश की हेरा फेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि जेल में रहने के दौरान उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था. मंत्री आलमगीर आलम के सचिव के नौकर के घर से ईडी ने 37 करोड़ रुपए से अधिक कैश बरामद किए थे. इस सिलसिले में मंत्री आलम से भी पूछताछ हुई और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था.
मंत्री आलम पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के चार बार के विधायक रह चुके हैं. राज्य सरकार में वह संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री के पद को संभालते थे.
झारखंड में पहले भी कई मंत्री गिरफ्तार हुए हैं और उन्हें जेल हुई है. जेल में रहने के दौरान उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. यहां तक की पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी जेल जाने के पहले अपने पद से इस्तीफा देकर गए थे.