बिहार सरकार ने राज्य के ईट भट्ठों को लेकर सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है. ईट भट्ठों की अनियमितताओं, स्थापित करने और संचालित करने की आवश्यक अनुमति न होने की स्थिति में भट्ठों को चिन्हित कर बंद करने का आदेश दिया है. नीतीश सरकार ने इस प्रक्रिया के तहत खान एवं भू तत्व विभाग के अधिकारियों को नियमित परीक्षण, बकाया राशि की वसूली और राजस्व संग्रह का लक्ष्य तय करने का निर्देश दिया है. बिहार में साढ़े छह हजार से अधिक ईट भट्ठे संचालित है, जिनमें से कई पर अनियमितता का आरोप है.
राज्य में कई एसे ईट भट्ठे चल रहे हैं जिनके पास प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की जारी कंसेंट टू इस्टैबलिश्ड(सीटीई) और कंसेंट टू ऑपरेट(सीटीओ) अनुमति नहीं है. नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक में चर्चा की कि बिहार में लगभग 6500 से अधिक ईट भट्ठे संचालित है, जिनमें से कई पर अनियमितता का आरोप है. सरकार ने साफ आदेश दिया की ईंट भट्ठों को बंद करने की कार्रवाई की रिपोर्ट मासिक रूप से सरकार को मुहैया कराई जाएं.
खान एवं भू तत्व विभाग ने नवंबर के लिए वित्त विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 175 करोड़ के विरुद्ध 135.85 करोड़ का अधिक राजस्व संग्रह करते हुए 309.85 करोड़ का राजस्व संग्रह किया. जिसमें पटना अंचल टॉप पर रहा. पटना अंचल ने सबसे अधिक 186.74 करोड़ का राजस्व संग्रह किया है. पटना अंचल के बाद दूसरे नंबर पर मगध अंचल रहा. मगध से 64.07 करोड़, मुंगेर से 15.30 करोड़, तिरहुत अंचल से 14.63 करोड़, दरभंगा से 7.74 करोड़ अधिक राजस्व संग्रह प्राप्त हुआ है.