बिहार सीएम नीतीश कुमार ने आज 1.14 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया. पटना के अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम से सीएम ने 200 नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया. इसके अलावा राज्य के कई जिलों में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिनमें गया, भोजपुर, कैमूर, सीतामढ़ी, वैशाली और मुजफ्फरपर में आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम नहीं हुआ.
पटना में सीएम नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजेंद्र यादव, मंत्री विजय चौधरी, मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया. अब इन शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षकों के रूप में जाना जाएगा.
सीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नियोजित शिक्षक अब सक्षमता परीक्षा पास कर राज्यकर्मी बन गए हैं. यह बहुत खुशी की बात है. आप सभी शपथ लीजिए कि बच्चों को खूब पढ़ाइएगा. आप सभी लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. सीएम ने आगे कहा कि हम लोग जब 2005 में आए थे तब शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था कैसी थी, यह सभी जानते हैं. पहले घर से कोई निकलता तक नहीं था. शाम होते ही लोग घर में चले जाते थे. जब हम खुद सांसद थे तब क्षेत्र में घूमने के लिए पैदल जाते थे. राज्य में स्कूलों की भी संख्या काफी कम थी. जब हमारी सरकार बनी तो हमने शिक्षा पर काम किया. पंचायत और निकाय स्तर पर बड़े पैमाने पर स्कूलों में शिक्षकों की बहाली की
सीएम नीतीश कुमार ने यहां शिक्षकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर लगी हाईकोर्ट की रोक पर कहा कि जो जहां थे, वही रहेंगे. यह सब के हित में है.
दूसरे फेज के सक्षमता परीक्षा पास हुए शिक्षकों के लिए सीएम ने कहा कि जो दूसरे फेज में सक्षमता परीक्षा पास हुए हैं, उन्हें भी जल्द ही नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. 65000 से अधिक नियोजित शिक्षकों की भी बहाली जल्द विशिष्ट शिक्षक के तौर पर होगी. बाकी 85000 नियोजित शिक्षक शेष बचे हैं. उनकी भी परीक्षा हो जाए और वह जल्दी सरकारी शिक्षक बन जाए. इस मौके पर भी सीएम ने फिर दोहराया कि कुछ लोगों के कहने पर इधर-उधर हो गए थे. हम शुरू से जिनके साथ थे, अब उन्हीं के साथ रहेंगे. इधर-उधर नहीं करेंगे.