बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब पीने से मौत का तांडव मच रहा है. जहरीली शराब के सेवन से अब तक एक दर्जन लोगों के मौत होने की खबर मिल रही है. हालांकि यह अधिकारिक आंकड़ा नहीं है. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बीते चार दिनों में 35 लोगों की मौत जहरीले शराब के सेवन से हुई है. वही दो दिनों के अंदर 20 लोगों की मौत शराब के कारण हुई है.
बिहार के सिवान और छपरा जिले में एकबार फिर शराब पीने से मौत का मामला सामने आ रहा है. छपरा जिले में आठ लोगों की मौत जहरीले शराब के सेवन से हो गई है. वहीं कई लोग अब भी अस्पताल में इलाजरत हैं. इनमें से कई मरीजों के आंखों की रोशनी चली गई है. इधर मृतकों की तादाद लगातार बढ़ रही है. इधर सिवान जिले में 4 लोगों की मौत में हड़कंप मचा दिया है. गांव वालों ने बताया कि पीड़ितों और मृतकों ने मंगलवार की रात मछली पार्टी की थी, जिसमें सभी ने शराब का भी सेवन किया था. उसी रात के बाद सभी बीमार पड़ गए.
राज्य में एक बार फिर दर्जनों मौत से पुलिसिया व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. जहां एक और पूर्ण शराबबंदी का ढिंढोरा राज्य सरकार पीटती है, वहीं दूसरी ओर ऐसे कांड शराबबंदी पर सवाल खड़े करते हैं.
घटना पर सिवान डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन ने हाई लेवल जांच शुरू की है. निषेध और आबकारी विभाग के अधिकारियों की भी एक टीम मामले की जांच कर रही है. इस बीच मगर और औरिया पंचायत के दो चौकीदारों को लंबित किया गया है.
बिहार के उत्पाद मंत्री रत्नेश सदा ने जहरीली शराब पीने से हुई मौत पर कहा कि यह घटना बेहद दुखद है. अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं. आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी. किसी भी कीमत पर बिहार में शराबबंदी लागू रहेगी.
बता दें कि अप्रैल 2016 में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी. इसके बाद ही बिहार में शराब के बिक्री-सेवन पर प्रतिबंध लग गया था. हालांकि शराबबंदी लागू होने के बाद अवैध शराब के सेवन से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. यह सरकारी आंकड़ा है. 2022 में छपरा में सबसे बड़े शराब कांड में करीब 71 लोगों की जान चली गई थी. इसमें सबसे अधिक 44 लोगों की मौत मसरख में हुई थी. दर्जनों लोगों की आंखों के रोशनी जहरीली शराब पीने से चली गई थी.