बिहार में सरकारी शिक्षक बनना और नियोजित शिक्षक बने रहना दोनों ही अब काफी मुश्किल हो गया है. राज्य में शिक्षक बनने के लिए परीक्षार्थियों को कड़ी मेहनत कर दो परीक्षाओं को पास करना होता है, जिसके बाद कहीं जाकर वह शिक्षक के तौर पर नौकरी पाते हैं. वहीं दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों को भी अपने सक्षमता के लिए परीक्षा देना होता है. राज्य में नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने के लिए बिहार बोर्ड की तरफ से सक्षमता परीक्षा ली जाती है. कुछ ही दिनों में राज्य में सक्षमता परीक्षा ली जाने वाली है. परीक्षा में सफल होने वाले नियोजित शिक्षकों को ही राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा और उनकी नौकरी परमानेंट हो जाएगी.
13 फरवरी को लाखों शिक्षक विधानसभा का करेंगे घेराव
इस परीक्षा को लेकर पहले से ही नियोजित शिक्षकों ने काफी विरोध किया है. शिक्षकों की यह नाराजगी अब और बढ़ गई है. इस परीक्षा का जिम्मा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को दिया गया है, जिसके बाद शिक्षक संघ की तरफ से परीक्षा को लेकर मोर्चा खोल दिया गया है. शिक्षक संघ की ओर से संयोजक राजू सिंह (नियोजित शिक्षक) ने शिक्षक नियोजन नियमवाली का हवाला देते हुए कहा कि 60 वर्ष तक की उम्र के नियोजित शिक्षको के नौकरी में बने रहने का प्रावधान है. परीक्षा लेने का फैसला घोर निंदनीय है. यह शिक्षक नियोजन नियमवाली के विपरीत है, इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. राज्य में नियोजित शिक्षकों को अलग-अलग फैसलों के जरिए लगातार प्रताड़ित करने का काम किया जा रहा है.
इस परीक्षा के खिलाफ राजभर के नियोजित शिक्षकों ने एकजुट होकर 13 फरवरी को पटना में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि इस बार की लड़ाई आर पार की होगी. शिक्षक सरकार की गोलियों से भी नहीं डरने वाले हैं और सिर पर कफन बांधकर लाखों शिक्षक 13 फरवरी को विधानसभा का घेराव करने के लिए पटना पहुंचेंगे. शिक्षकों का कहना है कि वह सभी सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होंगे.
राज्य में सरकारी स्कूलों में नियोजित शिक्षकों की संख्या चार लाख है जिनकी सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी से आयोजित कराई जाएगी. इस सक्षमता परीक्षा में पास होने के लिए शिक्षकों को तीन मौके दिए जाएंगे. 26 फरवरी की परीक्षा के बाद परिणाम घोषित करने के बाद तीन चरणों में लगातार परीक्षा ली जाएगी. इन चार चरणों की परीक्षा में से तीन चरणों में शामिल नहीं होने वाले या पास नहीं होने वाले शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी.