शुक्रवार को बिहार सरकार ने कैबिनेट बैठक आयोजित की. इस बैठक में बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति को मंजूरी मिली है. इस नीति को काफी लंबे समय से लागू करने की मांग हो रही थी, जिसे नीतीश कैबिनेट ने मंजूर कर दिया है. इस नीति का मुख्य उद्देश्य फिल्म निर्माता को पूर्ण संस्थागत समर्थन देना है. बैठक के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव मंत्रिमंडल सचिवालय एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट ने बिहार में नई फिल्म प्रोत्साहन नीति को मंजूर किया है. इस नीति से फिल्म निर्माण की काफी संभावना है और अवसर बढ़ जाते हैं. प्रस्ताव को राज्य सरकार के कला संस्कृति और युवा मामलों के विभाग की तरफ से लाया गया था.
विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बाम्हरा ने बताया कि यह फिल्म निर्माताओं को राज्य की समृद्धि ,सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाली फिल्मों को सहायता देगी. फिल्म निर्माताओं के लिए राज्य के दर्शनीय स्थल और पर्याप्त बुनियादी ढांचे आकर्षण का केंद्र है. नीति में क्षेत्रीय और अन्य भाषाओं में फिल्में, वृत्तिचित्र और धारावाहिक बनाने के लिए सरकार 4 करोड़ रुपए का वित्तीय अनुदान देगी.
नीति में भोजपुरी, मैथिली, मगही, अंगिका और बज्जिका जैसी भाषा में क्षेत्रीय फिल्मों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा. प्रोत्साहन नीति के तहत 2 से 4 करोड़ रुपए तक की राशि दी जाएगी, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है. इस सहायता में सभी तरह की फिल्में जैसे, फीचर फिल्म, डॉक्यूमेंट्री, टीवी सीरियल ओटटी निर्माण किए जाएंगे. फिल्म की 75 फीसदी शूटिंग बिहार में होनी चाहिए. जल्द ही नीति के तहत राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाएगा. जहां से अनुदान भुगतान की प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाया जाएगा.