राज्य के पुलिसकर्मी, दरोगा, सिपाही इत्यादि सभी रैंक के पुलिसकर्मियों को अब पुलिस थाने में ही रहने की सुविधा मिलेगी. जल्द ही सरकार की ओर से थाना परिसर में ही पुलिसकर्मियों के रहने का इंतजार किया जाएगा. इसके लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद काम शुरू हो गया है.
सिपाही रैंक के पुलिसकर्मियों के लिए थाना भवनों में ही पुलिस बैरक बन रहा है. वहीं दरोगा और थानेदार रैंक के पुलिस पदाधिकारियों के लिए थाना परिसर या आसपास में 1 बीएचके फ्लैट आवास की सुविधा तलाशी जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार जमीन चिन्हित कर रही है.
बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के द्वारा 9500 से अधिक सिपाहियों के लिए रहने का बैरक बनवाया जा रहा है. इस तरह के 300 से अधिक भवन तैयार हो चुके हैं, जिसमें 27,000 सिपाहियों के रहने की व्यवस्था है. साथ ही राज्य में महिला पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भी महिला बैरक निर्माण हो रहा है. करीब 600 थानों को चिन्हित कर महिला पुलिसकर्मियों की क्षमता के अनुसार बैरक बनाया जा रहा है. छोटे थाने में 5, मध्य संख्या वाले थानों में 10 और बड़े थानों में 20 महिला पुलिसकर्मियों के रहने की व्यवस्था होगी. जिसमें बाथरूम, टॉयलेट, किचन इत्यादि भी मौजूद होंगे.
बिहार में पुराने थाना भवनों को तोड़कर नया बनाने की भी प्रक्रिया चल रही है. इन नए थाना भवनों में ही पुलिस पदाधिकारियों के आवास की व्यवस्था की जाएगी. वहीं जिन थानों के पास जमीन नहीं है, वहां आसपास की सरकारी जमीनों को चिन्हित कर निर्माण होगा.
पुलिस मुख्यालय के अनुसार राज्य में 528 थाना ओपी को चिन्हित किया गया था. इन थानों को नए भवनों की जरूरत है. इसमें करीब 250 थानों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 278 थानों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. इनका निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है.