बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है. इस सर्वे के दौरान कैथी लिपि को लेकर काफी परेशानियां आ रही थी, जिसे सरकार ने दूर करने का उपाय ढूंढ लिया है. बिहार सरकार की ओर से आम जनता और सर्वे के कर्मियों के बीच कैथी लिपि की किताब का वितरण किया जाएगा. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी. जमीन सर्वे की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि कैथी लिपि की किताब अमीन, कानूनगो, शिविर प्रभारी के अलावा, राजस्व कर्मचारी, राजस्व अधिकारी, अंचल अधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अपर समाहर्ताओं के बीच में बांटी जाएगी. इस किताब को सर्व निदेशालय की वेबसाइट, विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड किया जाएगा.
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने आगे कहा कि किताब छपने से अधिक से अधिक लोग कैथी में लिखे अपने दस्तावेजों को समझ सकेंगे. किताब को पहले एक दर्जन गांवों के लोगों में बांटा जाएगा. इसके आधार पर राजस्व संबंधित काम शुरू होंगे और उस फीडबैक के आधार पर सभी 929 मौजों में इसे लागू किया जाएगा.
दरअसल बिहार में कैथी लिपि को पढ़ने वाले गिने चुने लोग ही बचे हैं और जमीन सर्वेक्षण के दौरान 70 फ़ीसदी से अधिक दस्तावेज इसी लिपि में लिखे गए थे. जमीन सर्वे में जब पुराने दस्तावेजों को लाया गया तो अधिकारियों को इसे पढ़ने में परेशानी होने लगी. सरकार ने तब जाकर आनन-फानन में अपने कर्मचारियों के लिए कैथी लिपि का प्रशिक्षण शुरू किया, लेकिन इससे भी कुछ खास फायदा नहीं हुआ. दरअसल सरकार ने महाज 3 दिनों के लिए कैथी लिपि सीखने का समय अधिकारियों को दिया था.