मुजफ्फरपुर में एक बार फिर से AES बीमारी के मामले देखे जा रहे हैं. मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में इस बीमारी के नए केस मिल रहे हैं, जिसके बाद अस्पतालों में बीमारी की शंका से मरीजों की लाइन लग रही है. अब तक जिले में मिले AES मरीजों की संख्या 12 हो गई है. इसी के साथ इस साल SKMCH में 23 मरीज AES से बीमारी के भर्ती हो चुके हैं. जिले में AES मरीजों की संख्या बढ़ते हुए देख स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट पर आ गया है और अस्पतालों के लिए कई जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
जून के पहले सप्ताह में मरीज का आंकड़ा 12 पार कर चुका है. आसपास के जिलों को मिलाकर अब तक एसकेएमसीएच में 23 बच्चे बीमारी से ग्रसित होकर भर्ती हो चुके हैं.
AES बीमारी से ग्रस्त
सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए कुछ सुझाव भी जारी किए हैं. डॉक्टर अजय ने बताया कि बीमारी से बचने के लिए बच्चों के हाथ साबुन से साफ करें, खासकर शौच से आने के बाद, खाना खाने से पहले हाथ जरूर साफ करें. AES बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले बर्तनों और खाने वाली चीजों की भी साझेदारी करने से बचे. डॉक्टर ने आगे बताया कि जिले में कुछ बच्चों में AES की पुष्टि हुई है. बच्चे ठीक होकर घर भी लौट गए हैं. इधर बीमार बच्चों को SKMCH के PICU वार्ड में भर्ती कराया गया था. गर्मी बढ़ने के साथ ही मामले में बढ़ोतरी भी देखी जा रही है.
इस बीमारी से बचाव के लिए बच्चों को वैक्सीन लेने के लिए भी डॉक्टर ने सुझाव दिए हैं. परिजनों को बच्चों पर मच्छर से दूर रखने वाली क्रीम और स्प्रे का इस्तेमाल करने के लिए कहा है. इसके अलावा पहनने वाले कपड़े और शरीर के खुले भाग में भी मच्छर बचाओ स्प्रे का इस्तेमाल करने के लिए सुझाव दिए गए हैं. डॉक्टर ने बताया कि अगर परिजनों को बच्चों के सिर में थोड़ा सा भी सूजन, उल्टी या उल्टी के लक्षण, शरीर में अकड़न, बच्चे का लगातार रोना, बच्चे का लगातार सोते रहना, भूख नहीं लगना, चिड़चिड़ापन होना जैसे लक्षण लिखे तो नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर से फ़ौरन संपर्क करे.