जमुई में तेजस्वी यादव की सभा के दौरान चिराग पासवान की मां और परिवार को कहे गए अपशब्द पर सियासत बढ़ रही है. पहले ही यह मामला चुनाव आयोग तक भाजपा ने पहुंचाया, चिराग पासवान ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव की कड़ी निन्दा की थी. वहीं अब फिर से जमुई सांसद ने तेजस्वी यादव को इस मामले पर लेटर लिखा है. चिराग पासवान ने अपने लेटर में गाली देने वाले राजद समर्थक या कार्यकर्ता पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है. चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव से इस मामले पर संज्ञान लेने के लिए कहा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि मैंने तेजस्वी यादव की मां को हमेशा अपनी मां और उनकी बहन को अपनी बहन माना है, लेकिन यह शायद सिर्फ एकतरफा ही था.
शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लेटर के जरिए अपना गुस्सा और नाराजगी दोनों ही जाहिर करते हुए तेजस्वी यादव को पत्र लिखा.
पत्र में चिराग पासवान ने लिखा देश भर में चल रहे लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर इन दिनों आप व्यस्त होंगे. आशा करता हूं कि आप और आपके परिजन सभी स्वस्थ होंगे. मैं ऐसी बातों को सार्वजनिक करने का पक्षधर कभी नहीं रहा, लेकिन कुछ बातें जनता के बीच में भी आनी जरूरी है. मैंने सदैव आपको अपना छोटा भाई माना और आपके और अपने परिवार में कभी फर्क नहीं समझा. आदरणीय श्रीमती राबड़ी देवी जी एवं श्री लालू प्रसाद यादव जी को हमेशा माता-पिता तुल्य माना. आपके संज्ञान में एक बात लाना चाहता हूं कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मुझे और मेरे परिवार को लेकर आपके सामने ही अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया. इतना ही नहीं गाली जैसी भाषा का प्रयोग भी किया गया, जो बेहद निंदनीय है. मुझे दुःख तब हुआ जब आपकी आंखों के सामने घटित इस घटना पर आप खामोश रहे. दुख मुझे तब और ज्यादा हुआ जब आपकी पार्टी की प्रत्याशी जो खुद एक महिला होते हुए इस घटना को नजरंदाज करते रही.
दो पन्ने के बड़े लेटर में चिराग पासवान ने बार-बार तेजस्वी यादव को जमुई सभा के दौरान हुई टिप्पणी पर कार्रवाई करने को कहा और अपने खामोशी तोड़ने के लिए भी लिखा.
लेटर के आखिरी में भी चिराग पासवान ने कहा कि मैं आशा करता हूं कि मेरी माता जी का अपमान करने वालों पर आप तत्काल कार्रवाई करेंगे.
चिराग पासवान के लेटर के पहले गुरुवार को तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले पर सफाई दी थी. तेजस्वी यादव ने कहा था कि उन्होंने मंच से सभा संबोधन के दौरान इस बात को नहीं सुना था. उन्होंने कहा कि अगर वह चिराग पासवान की मां का अपमान सुन लेते तो वह चुप नहीं रहते.