शुक्रवार को बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए समाप्त हो गया. 22 जुलाई से 26 जुलाई तक चले इस मानसून सत्र में पांच बैठकों का आयोजन हुआ. जिसमें 2024-25 के पहले अनुपूरक बजट को पेश किया गया. इसके अलावा सात महत्वपूर्ण विधेयको को भी विधानमंडल से पारित किया गया.
जिन विधेयको को सदन से स्वीकृति मिली उनमें बिहार नगर पालिका संशोधन विधेयक 2024, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग संशोधन विधेयक 2024, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति संशोधन विधेयक 2024, बिहार लोक परीक्षा अनुसूचित साधन निवारण विधेयक 2024, बिहार माल और कर सेवा संशोधन विधेयक 2024, बिहार लिफ्ट एवं एक्सेलेटर विधेयक 2024, बिहार विनियोग संख्या3 विधेयक 2024 शामिल हैं.
पांच दिवसीय सत्र में हर दिन विधानसभा हंगामेदार रहा. विधानसभा में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की. इसके अलावा सड़क पर भी सरकार के खिलाफ कई प्रदर्शन हुए. इन हंगामों के कारण 106 ध्यान आकर्षण सूचना में से सिर्फ आठ का ही जवाब सदन में दिया जा सका. 870 प्रश्नों में से विपक्ष के हंगामे के कारण कुछ पर ही जवाब हुआ. सात विधेयकों में से किसी पर भी चर्चा के लिए विपक्ष शामिल नहीं हुआ. विधेयकों के सदन में पास करने के वक्त विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. केंद्रीय बजट पर भी बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने बिहार को झुनझुना थमने का आरोप लगाया.