बिहार में बीते दिनों धड़ाधड़ कई पुल गिरे. मानसून के आगमन के दौरान बिहार में दर्जनों पुल पानी में बह गए हैं. इस पुलों के गिरने की घटना ने देशभर में बिहार की किरकिरी की थी. इतने सारे पुलों के गिरने के बाद अब राज्य में इसके रखरखाव की नीति लागू की गई है, जिसके आधार पर पुलों का हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा और रखरखाव के लिए अलग डिवीजन का गठन होगा. डिवीजन का हेड मुख्य अभियंता को बनाया जाएगा. इसमें अधीक्षण अभियंता, कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंता भी शामिल होंगे. टीम में शामिल इंजीनियर नियमित तौर पर छोटे,बड़े, मझौले सभी पुलों का निरीक्षण और जांच करेंगे. पुलों की जांच वीडियो और तस्वीर के साथ की जाएगी. जांच में पुलों में जहां भी गड़बड़ी होगी, इसकी जानकारी तुरंत विभाग को दी जाएगी और अगर रखरखाव में कोताही बरती गई तो विभाग पर सरकारी गाज गिरेगी.
लागू हुए नए पुल रखरखाव नीति में अलग-अलग आधार पर बांटकर पुलों का रखरखाव होगा, जिसमें बड़े, छोटे और मध्यम श्रेणी के पुलों को बांटा जाएगा.
राज्य में इतने पुल गिरने के बाद बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से इसे लागू किया गया है. इसी के साथ बिहार देश में पहला ऐसा राज्य बना है जो पुलों के रखरखाव की नीति तैयार करेगा. इस नीति के अनुसार पुलों का अपना हेल्थ कार्ड भी बनाया जाएगा. जिसमें पुल का इतिहास होगा इसके आधार पर फूलों का रखरखाव किया जाएगा और इसके आधार पर ही ट्रैफिक को भी नियंत्रित किया जाएगा.
राज्य के पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने अगस्त 2021 में घोषणा की थी कि सड़कों और फ्लाईओवर के देखभाल के लिए हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. जिसमें पुलों से जुड़ी सभी जानकारियां होंगी, जैसे कि पुल कब बना, इसमें क्या-क्या परिवर्तन किए गए और आने वाले दिनों में इसमें क्या परिवर्तन किए जाएंगे, क्या बदलाव की जरूरत है. साथ ही सड़क और पुलों की उम्र अवधि भी हेल्थ कार्ड में होगी.