बिहार में धीरे-धीरे मानसून सक्रिय हो रहा है. भीषण गर्मी के बाद मानसून के आगमन से हर तरफ खुशी का माहौल है, लेकिन मानसून ने अपने आने की झलक से ही कुछ लोगों की जिंदगियों को तहस-नहस कर दिया है. राज्य में मानसून बीते दिनों से सक्रिय रहा है. इस दौरान आकाशीय बिजली भी खूब चमकी है, जिसके गिरने से अब तक आठ लोगों की मौत हो गई है. बिहार में आकाशीय बिजली गिरने से पिछले 24 घंटे में आठ लोगों ने अपनी जान गंवा दी है.
आकाशीय बिजली से बचाव
आकाशीय बिजली गिरने से दो मुंगेर, दो भागलपुर, एक जमुई, एक पश्चिम चंपारण, एक पूर्वी चंपारण, एक अररिया के लोगों की मौत हुई है. मृतकों में पूर्वी चंपारण में एक 10 साल का छोटा बच्चा भी शामिल है. वह खेत से अपनी मां के साथ घर लौट रहा था, इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया. मुंगेर में भी 7 साल का बच्चा घर के बाहर जामुन चुन रहा था, जिस दौरान उसपर बिजली गिर गई.
आकाशीय बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत पर बिहार सीएम नीतीश कुमार ने दुख जताया है. सीएम ने वज्रपात से हुई मौतों पर गहरी शोक संवेदना जारी करते हुए मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए देने का निर्देश दिया है. सीएम ने कहा कि आपदा की घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ है. इसके साथ ही सीएम ने यह अपील की है कि सभी लोग खराब मौसम में पूरी तरह से सतर्कता रहे. खराब मौसम होने पर आकाशीय बिजली से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सुझावों का अनुपालन करें. सीएम ने आगे कहा कि ऐसे खराब मौसम में लोग घरों में रहे और सुरक्षित रहें.
गौरतलब है कि बिहार में आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से समय-समय पर वज्रपात बचाव उपाय का अभियान चलाया जाता है. आपदा प्रबंधन विभाग(Disaster Management Department) सोशल मीडिया के जरिए भी जागरूकता अभियान चलाता है, जिसमें बारिश और ठनका समय किस तरह सावधानी बरतनी है इसका निर्देश दिया जाता है. ठनका गिरने की आशंका के दौरान अगर लोग खुले में है तो उन्हें जल्दी ही किसी पक्के मकान में चले जाना चाहिए. सफर के दौरान अगर वाहन में है तो उसी में बने रहे. बारिश और खराब मौसम में दरवाजे पर खिड़की या छत पर जाने से बचे. बिजली के समय में पेड़ और किसी भी धातु के नीचे छिपने से बचें. इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामानों का कनेक्शन काट देना और मोबाइल चलाने से बचने के लिए भी निर्देश दिए जाते हैं.