बिहार के पुलिसकर्मियों को लेकर पुलिस मुख्यालय ने नया निर्देश जारी किया है. दरअसल राज्य में अब ड्यूटी के दौरान वीडियो या रील्स बनाने वाले पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई की तैयारी की गई है. पुलिस मुख्यालय ने निर्देश जारी करते हुए सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बनाने पर आईटी एक्ट के तहत कार्यवाही की बात कही है.
दरअसल सोशल मीडिया पर रील्स बनाने का खुमार आम इंसान से लेकर पुलिसकर्मी, नेता-मंत्री सभी के बीच देखा जा रहा है. ऐसे में ऑन ड्यूटी भी कई बार पुलिसकर्मी या शिक्षकों के द्वारा रील्स और वीडियो बनाने का मामला सामने आया है. सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मियों के रील्स पर लोग अश्लील कमेंट भी कर रहे हैं, जिस पर पुलिस मुख्यालय ने नाराजगी जताई है और पुलिस अधीक्षकों को निगरानी रखने कहा है.
पुलिस मैनुअल के मुताबिक अगर कोई पुलिसकर्मी निलंबित नहीं है तो उसे 24 घंटे ड्यूटी में माना जाता है. अगर ऐसे में वह किसी भी तरह की वीडियो और रील्स बनाकर डाल रहा है तो यह पुलिस मैनुअल के खिलाफ माना जाएगा. ऐसे मामलों में कई जिलों के पुलिस अधीक्षक के द्वारा पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई है. हाल में ही भागलपुर, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार समेत कई जिलों के पुलिसकर्मियों को ऑन ड्यूटी वीडियो या रील्स बनाने के बाद सीनियर पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई की.
पुलिस मुख्यालय ने कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो या रील्स बनाकर लाइव टेलीकास्ट या अपलोड करने पर पाबंदी लगाई है. वर्दी में किसी भी वीडियो, रील्स जिससे पुलिस की छवि खराब हो उस पर भी पाबंदी है. किसी शिकायतकर्ता की मदद मांगने के संवाद का वीडियो अपलोड या लाइव करने पर भी पुलिस मुख्यालय ने पाबंदी लगाई है. सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मी विभाग से जुड़ी जानकारी, दस्तावेज और अपराध से जुड़े जानकारी को साझा नहीं कर सकते.
पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया पर किसी राजनीतिक व्यक्ति या विचारधारा के बारे में पोस्ट करने पर मनाही है. अश्लील कंटेंट पोस्ट करने, गांजा, गुटखा का प्रचार नहीं करने, सोशल मीडिया से आय अर्जित करने और व्यावसायिक तौर पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर भी बैन है. हालांकि इनमें से कुछ के लिए सरकार से पहले अनुमति लेने का प्रावधान है, जैसे ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर किसी तरह के कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, वेबीनार में भाग लेने से पहले वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेने का प्रावधान है.