बिहार में राजनीति स्थिर होने का नाम नहीं ले रही है. पहले राज्य के मुख्यमंत्री की अस्थिरता ने भारी सियासी भूचाल मचाया था, जिस दौरान सीएम ने कांग्रेस-राजद को किनारा दिखाते हुए भाजपा को मेन एंट्री दी थी. सीएम से शुरू हुई यह उथल-पुथल अब तक राज्य में बनी हुई है. जदयू, भाजपा, राजद समेत कई पार्टियां इस राजनीतिक उथल-पुथल में शामिल हो गई है.
12 फरवरी से विधानमंडल सत्र की शुरुआत होने वाली है, इसी दिन नई सरकार का फ्लोर टेस्ट भी होना है. फ्लोर टेस्ट के पहले राज्य में बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है. राज्य की तमाम पार्टियों ने अपने-अपने विधायकों के साथ मीटिंग शुरू कर दी है. जीतन राम मांझी ने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है. पूर्व सीएम मांझी ने यह कह दिया है कि वह कुर्सी के लालच में नहीं है और कुर्सी के लालच में वह किसी के साथ धोखा नहीं करेंगे. वह अपनी पार्टी के साथ मजबूती से सरकार के साथ खड़े हैं और जनता की सेवा करने की चाहत रखते हैं.
फ्लोर टेस्ट के पहले तेजस्वी यादव ने भी अपनी कमर कस ली है और राजद विधायकों को बैठक पर बुलाया है. शनिवार को दोपहर 3:00 बजे से तेजस्वी यादव अपने विधायकों के साथ पटना में बैठक करने वाले हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है. अगले दो दिनों तक राजद के सभी विधायक पटना में ही रहने वाले हैं. 28 जनवरी को ही सीएम नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा था कि बिहार में अभी खेल होना बाकी है. हालांकि राजद के इन तमाम तैयारियां के बीच यह खबर भी निकलकर आ रही है कि राजद कोटे के 16 विधायक पार्टी रडार से बाहर हैं. इसी को देखते हुए आनन-फानन में पटना में सभी विधायकों को बुलाया गया है.
कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को फ्लोर टेस्ट के पहले हैदराबाद भेज दिया था. कांग्रेस के 16 विधायक अभी हैदराबाद में मौजूद है और मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. कांग्रेस को देखते हुए भाजपा ने भी अपने विधायकों को दो दिन के लिए बोधगया के प्रवास पर भेज दिया. इन सब तैयारी में भला जदयू कैसे पीछे रहता, जदयू ने भी अपने विधायकों को भोज और विधानमंडल दल की बैठक के पहले पटना में एकजुट कर लिया है. सीएम नीतीश कुमार अपने विधायकों की निगरानी के लिए खुद नजर जमाए बैठे हुए हैं. वैसे तो सीएम नीतीश कुमार की सरकार को सदन में कोई भी दिक्कत नहीं होने वाली है, 128 विधायकों की बहुमत पाने मैं मौजूदा सरकार को कोई दिक्कत नहीं आएगी. लेकिन विपक्ष की की तरफ से लगातार खेला होने का दावा किया जा रहा है. ऐसे में सभी दल अपने-अपने विधायकों को कुछ घंटे के लिए ही सही मगर उलट-फेर से बचाए रखना चाहते हैं.