आज से देश के 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर नॉमिनेशन शुरू हो गया है. चुनाव निर्वाचन आयोग ने बिहार के भी 6 राज्यसभा सीटों पर नॉमिनेशन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. बिहार के 6 सीटों पर सांसदों का कार्यकाल अगले महीने खत्म होने वाला है उससे पहले गुरुवार को निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अधिसूचना जारी की है. आज से शुरू होने वाले नामांकन प्रक्रिया 15 फरवरी को खत्म हो जाएगी.
राज्य के सीटों पर होने वाले चुनाव में से तीन सीट एनडीए और तीन महागठबंधन के तरफ से है. जिन सांसदों का मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने वाला है उनमें वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगडे (जदयू) सुशील कुमार मोदी (बीजेपी), मनोज कुमार झा और अशफाक करीम (राजद) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह है. सीटों पर नामांकन खत्म होने के बाद 16 फरवरी को नॉमिनेसन की स्क्रूट होगी और 20 फरवरी तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं.
27 फरवरी को मतदान प्रक्रिया होगी, मतदान सुबह 9:00 बजे से शुरू होकर शाम 4:00 बजे तक चलेगा और परिणाम उसी दिन शाम 5:00 बजे तक जारी किए जाएंगे .
लोकसभा चुनाव के पहले हो रहे राज्यसभा चुनाव पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. इस चुनाव के परिणाम से लोकसभा चुनाव पर भी जरूर असर पड़ने वाला है.
बिहार विधानसभा में 243 सदस्य और विधायक है. यह सभी सदस्य मिलकर राज्यसभा की उम्मीदवारों का चयन करेंगे. एनडीए के पास 128 महागठबंधन के पास 114 सदस्य हैं. संख्या बल के हिसाब से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि एनडीए को तीन और महागठबंधन को तीन सीट मिलना तय है. कांग्रेस की एक सीट पर अभी पेंच फंसा हुआ है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने यह साफ तौर पर कह दिया है कि उनकी पार्टी अपनी बेहतर संख्या को देखते हुए इस बार मैदान में दो उम्मीदवार को उतारने वाली है, जबकि जदयू को एक सीट से ही संतोष करना पड़ेगा.
इस साल 15 राज्यों के कुल 56 सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है. भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार आंध्र प्रदेश में तीन सदस्य रिटायर हो रहे हैं, बिहार में छह, छत्तीसगढ़ में एक, गुजरात में चार, हरियाणा में एक, हिमाचल प्रदेश में एक सदस्य रिटायर हो रहे हैं. इन सभी सदस्यों के रिटायरमेंट की तिथि 2 अप्रैल 2024 है. वहीं कर्नाटक में चार, मध्य प्रदेश में पांच, महाराष्ट्र में छह, तेलंगाना में तीन, उत्तर प्रदेश में दस, उत्तराखंड में एक, पश्चिम बंगाल में पांच, उड़ीसा में तीन और राजस्थान में तीन सदस्यों का कार्यकाल 3 अप्रैल 2024 को खत्म हो रहा है.