बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारी अब जोरों शोरों पर हैं. चुनाव में काफी कम समय बचा हुआ है, 40 सीटों पर पकड़ जमाने के लिए सभी पार्टियों के बीच में हलचल तेज हो गई है. तमाम पार्टियों के दिग्गज नेताओं का आना-जाना बिहार में शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बिहार के सीमांचल इलाके में आज से 3 दिनों के लिए AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी डेरा जमाने वाले हैं.
लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुस्लिम बाहुल्य इलाका सीमांचल में ओवैसी अपने पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे और जनसभा को संबोधित भी करेंगे. 18 फरवरी तक ओवैसी बिहार में चुनावी बिगुल फूकेंगे, इस दौरान वह किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार को साधने की कोशिश करेंगे. आज किशनगंज में ठाकुरगंज के पोआखाली मेला ग्राउंड में दोपहर 2:00 बजे से ओवैसी की एक विशाल जनसभा का आयोजन कराया गया है. इसके बाद 17 फरवरी को ओवैसी पूर्णिया में भी जनसभा को संबोधित करेंगे.
सीमांचल के चारों लोकसभा सीट पर एनडीए की नज़र
2023 में AIMIM पार्टी को मजबूत करने के लिए ओवैसी 3 दिनों के लिए सीमांचल की यात्रा कर चुके हैं. मालूम हो कि ओवैसी ने 2020 में विधानसभा चुनाव में पांच सीटों पर अपनी जीत हासिल की थी. सीमांचल में 4 लोकसभा सीट है और विधानसभा की 24 सीट हैं.
लोकसभा सीटों में से केवल एक ही सीट महागठबंधन के पास मौजूद है, तीन सीट एनडीए के पास है. इस बार भी लोकसभा चुनाव में एनडीए ने अपनी नजर सीमांचल के चारों लोकसभा सीट पर बनाई हुई है. कांग्रेस, राजद और ओवैसी ने भी अपनी पूरी ताकत के साथ सीमांचल में जगह बनाने की कोशिश की है. राहुल गांधी ने भी बीते दिनों सिमांचल में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की थी. फिलहाल सीमांचल के किशनगंज लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी का दबदबा है. पूर्णिया और कटिहार जदयू की झोली में है, अररिया की सीट पर भाजपा ने अपना कब्जा जमाया हुआ है.
राज्य में 13 करोड़ की आबादी है जिसमें से 17.7% आबादी मुस्लिम है जिसमें से एक बड़ा हिस्सा सिमांचल के इलाके में रहता है. सीमांचल की सीमा असम और पश्चिम बंगाल के साथ भी मिलती है, जहां पर 40 से 70 फ़ीसदी तक मुस्लिम आबादी रहती है.
भाजपा के तारकेश्वर प्रसाद ने असदुद्दीन ओवैसी के बिहार दौरे पर कहा कि ओवैसी से बीजेपी को ना कोई फायदा है और ना नुकसान. उनके बिहार आने से भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. सीमांचल में राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों की संख्या बहुत है. सीमांचल की जनता भाजपा के साथ है, मोदी सरकार तो सबका साथ विकास के रास्ते पर चल रही है.
इधर राजद भी ओवैसी के तीन दिवसीय दौरे को लेकर टेंशन में नजर आ रही है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने ओवैसी को बीजेपी का बी टीम बता दिया है. 17 महीने महागठबंधन की सरकार रही, तब डिप्टी सीएम ने लाखों युवाओं को रोजगार दिया. बिहार की जनता रजत के साथ है ओवैसी या कोई भी फैक्टर लोकसभा चुनाव में बिहार में काम नहीं करेगा.