बिहार के शिक्षा मंत्री ने आज नियोजित शिक्षकों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है. गुरुवार को साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अब तीन की जगह पांच बार सक्षमता परीक्षा लेने का ऐलान किया है.
नियोजित शिक्षकों को अब राज्य में पांच बार सक्षमता परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, जिसमें तीन बार नियोजित शिक्षक ऑनलाइन परीक्षा दे पाएंगे और दो बार ऑफलाइन परीक्षा दें सकेंगे.
कंप्यूटर आधारित परीक्षा देने में शिक्षकों को परेशानी
शिक्षा विभाग की तरफ से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन करवाया जा रहा है. 26 फरवरी से यह परीक्षा राज्य में आयोजित होगी. कई नियोजित शिक्षकों ने ऑनलाइन परीक्षा का विरोध किया था. शिक्षकों का कहना था कि कई शिक्षक जो पुराने हैं उन्हें कंप्यूटर बेस्ड परीक्षा देने में परेशानी होगी, इसलिए उनसे लिखित परीक्षा ली जाए. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने सीएम से विचार-विमर्श कर शिक्षकों को लिखित परीक्षा मौका देने का ऐलान किया. बीते दिन ही शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को आश्वासन दिया था कि नियोजित शिक्षकों के लिए सरकार फैसला लेगी.
शिक्षा मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाह पर यह फैसला लिया है. हमारी मंशा यही है कि जो नियोजित शिक्षक हैं वह सरकारी हो जाए. मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि नियोजित शिक्षक एक परीक्षा देकर सरकारी हो जाएंगे और ऑनलाइन परीक्षा देने का फैसला सरकार ने लिया था. नियोजित शिक्षकों की तरफ से कठिनाई बताई गई और उनकी कठिनाई को देखते हुए अब दो बार ऑफलाइन परीक्षा ली जा रही है.
इसके पहले भी शिक्षा विभाग ने सक्षमता परीक्षा के लिए तीन की जगह पांच मौके दिए जाने की घोषणा की थी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की तरफ से बताया गया था कि सक्षमता परीक्षा में बीपीएससी एग्जाम की तरह कठिन सवाल नहीं पूछे जाएंगे.
मालूम हो कि दो दिन पहले ही हजारों की मात्रा में शिक्षकों ने पटना के गर्दनीबाग के धरना स्थल पर सक्षमता परीक्षा के खिलाफ धरना दिया था. शिक्षकों के धरने के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मिलने का आश्वासन दिया था और धरना खत्म कराया था.