बिहार में छठ महापर्व को सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. काम करने वाले लोग खासकर अपनी छुट्टियों को बचाकर छठ में इस्तेमाल करने के लिए रखते हैं. राज्य में 17 नवंबर से शुरू होने वाले छठ को लेकर लोगों के बीच उत्साह बना हुआ है. सरकार भी स्पेशल ट्रेन छठ के उपलक्ष में बिहार के लिए चला रही है. लेकिन बिहार सरकार इस बार छठ पर्व पर कुछ सख्त नजर आ रही है.
राज्य में इस बार छठ के मौके पर शिक्षकों को छुट्टियां नहीं मिली है. शिक्षा विभाग के सचिव ने छुट्टियों को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए छुट्टी होगी लेकिन शिक्षकों और प्रधानाचार्य को स्कूल आना होगा.
1.20 लाख नियुक्त शिक्षकों की ट्रेनिंग
शिक्षा विभाग ने कहा है कि राज्य में 1.20 लाख शिक्षक अभ्यर्थीयो की नियुक्ति की गई है जिसकी जिम्मेदारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्रधानाध्यापक की है. शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार 11 नवंबर से 21 नवंबर तक के बीच में शिक्षकों की नियुक्ति राज्य में कराई जाएगी.
भाजपा ने नीतीश-तेजस्वी को घेरा
भाजपा ने शिक्षकों की छुट्टियां कैंसिल होने पर अब नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.
भाजपा ने लिखा है- बिहार की संस्कृति को समाप्त करने लिए नीतीश-तेजस्वी सरकार आमदा! बिहार के महापर्व छठ पूजा की छुट्टी की निरस्त। लाखों छठ व्रतियों के श्राप से सनातन को सताने वाले समाप्त हो जाएंगे।
इससे पहले 2 नवम्बर को भी भाजपा ने ट्वीट किया था- तुष्टिकरण में नीतीश-तेजस्वी हो गए अंधे! बिहार के महापर्व छठ पूजा की छुट्टी कर दी रद्द। आखिर सनातन इन्हें इतनी दिक्कत क्यों है?
शिक्षा विभाग ने इसके पहले भी दुर्गा पूजा के दौरान शिक्षकों की ट्रेनिंग कराने के लिए छुट्टियां रद्द की थी जिसके बाद विभाग की काफी आलोचना हुई थी. इस साल शिक्षा विभाग ने सितंबर से दिसंबर के बीच 26 छुट्टियों को घटकर 11 कर दिया है.