बिहार: चुनावी माहौल से पहले NDA नेताओं में तनातनी, इमामगंज सीट पर बवाल

शिवहर के विधायक चेतन आनंद और लोजपा(आर) प्रमुख चिराग पासवान के बीच पिछले दिनों से आरोप- प्रत्यारोपों का सिलसिला चल रहा है. इन दोनों की लड़ाई से बिहार की राजनीति में खलबली मच गई है.

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इमामगंज सीट पर बवाल

इमामगंज सीट पर बवाल

बिहार में विधानसभा के लिए चुनावी माहौल शुरू होने वाला है. हालांकि चुनाव की तैयारी चल रही है, मगर अभी बिगुल बजने में अभी काफी समय बाकी है. अगले साल बिहार विधानसभा का शोर हर जगह अभी से गूंज रहा है. मगर इस चुनावी माहौल के पहले एनडीए के भीतर नेताओं की लड़ाई का शोर हर ओर सुनाई दे रहा है.

 दोनों ही नेता एक-दूसरे पर लगातार टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं. बीते दिन जमुई में चेतन आनंद ने चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि हम किसी की गीदड़भभकी से नहीं डरते. चिराग ने हमें धमकी दी. हम लोगों ने चुनाव जीतने में चिराग पासवान की मदद की थी, लेकिन वह गठबंधन धर्म नहीं मानते. चिराग पिक और यूज पॉलिसी पर काम करते हैं. वह चुनाव के दौरान कहीं प्रचार करना जाते हैं, तो कहीं नहीं जाते.

चेतन आनंद ने आगे कहा कि हमने एनडीए सरकार को बचाया है. आज बिहार में जो एनडीए की सरकार है उसमें हमारा हाथ है, लेकिन उसके सूत्रधार आनंद मोहन है. जिस सरकार को हमने बचाया है उस पर हमारा हक है. अगर उस सरकार में कोई गलत करेगा तो मेरा धर्म है उसे पाॅइंट आउट करना.

जमुई में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे चेतन आनंद ने कहा कि चार जगह चुनाव होता है, तो चिराग एक जगह जानबूझकर नहीं जाते हैं. लवली आनंद जब चुनाव लड़ी तो अगल-बगल वाले क्षेत्र में गए, मगर शिवहर नहीं पहुंचे. वह टाइम देकर, हेलीकॉप्टर का नंबर लिखवाने के बाद भी नहीं पहुंचे थे. 

बता दें कि आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने चिराग पासवान के एनडीए में होने को लेकर सवाल खड़ा किया था. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए पूछा था कि सच में अब वह समय आ गया है जब चिराग को यह साफ करना चाहिए कि वह एनडीए में हैं भी या नहीं. मांझी द्वारा खाली एनडीए की सिर्फ एक सीट इमामगंज में एनडीए की सबसे ज्यादा प्रतिष्ठा फंसी थी. वहां दीपा मांझी के सामने कोई जितेंद्र पासवान थे. वह 37 हजार वोट ले आते हैं. यह बताता है कि या तो आप इसलिए इमामगंज नहीं गए कि आप वहां वोट ट्रांसफर नहीं करा सकते थे. या आप जीतन राम मांझी को उनके घर में नीचा दिखाना चाहते थे. या फिर जन सुराज के अंदर खाने में आपकी कोई डील हुई थी.

चिराग ने बिना नाम लिए आनंद मोहन पर कहा था कि वह सक्रिय राजनीति से जुड़े हुए नहीं है. उनकी बात पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन हां, उनके परिवार के कई लोग सक्रिय राजनीति में है. वह हमारे मुख्यमंत्री की कृपा से जेल से बाहर आए हैं.

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