बीमा और प्रदूषण को लेकर बिहार में वाहनों पर कसेगा शिकंजा, शहरों में कटेगा ई-चालान

राज्य के शहरी क्षेत्र में ऑटोमेटिक ई-चलान काटने की शुरुआत हो रही है. इसके लिए शहरों में लगे कैमरा को ई-डिटेक्शन से लैस किया जाएगा, ताकि ऑटोमेटिक ही चलान की प्रक्रिया शुरू हो सके.

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बीमा और प्रदूषण

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बिहार में अब बीमा और प्रदूषण फेल गाड़ियों पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो गई है. राज्य के शहरी क्षेत्र में ऑटोमेटिक ई-चलान काटने की शुरुआत हो रही है. इसके लिए शहरों में लगे कैमरा को ई-डिटेक्शन से लैस किया जाएगा, ताकि ऑटोमेटिक ही चलान की प्रक्रिया शुरू हो सके. अभी तक यह व्यवस्था राज्यों के राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) पर ही थी. जहां ई-डिटेक्शन से परमिट, बीमा प्रदूषण फ़ेल वाहनों का ऑटोमेटिक चलान काटा जा रहा है.

बिहार पुलिस ने इसके लिए प्रस्ताव बना कर राज्य सरकार को अनुमति के लिए भेज दिया है. ट्रैफिक एडीजी सुधांशु कुमार ने बताया कि वर्तमान में मात्र 47 प्रतिशत वाहनों के पास ही थर्ड पार्टी बीमा है, जिससे दुर्घटना की स्थिति में मुआवजे के दौरान काफी दिक्कत होती है. राज्य के एनएच पर ई-डिटेक्शन पोर्टल से ऑटोमेटिक चलान काटने से सकारात्मक रिजल्ट मिले हैं, जिसे देखते हुए इसे शहरी क्षेत्र में भी लगाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है.

एडीजी ने आगे बताया कि बिहार के शहरों में यातायात प्रबंधन और सड़क सुरक्षा को लेकर ट्रैफिक सर्वे कराया गया. जिसकी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को सौंप दी गई है. इसके आधार पर ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सभी विभागों की बैठक हुई, जिससे निकले परिणाम के आधार पर सुधार को लेकर जल्द योजना बनाकर काम होगा. वही पटना के अटल पथ सहित कई सड़कों पर लगातार दुर्घटनाएं बढ़ रही है. जिसके सवाल पर एडीजी ट्रैफिक ने कहा कि इसमें सुधार के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं.

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