बिहार के लोग राज्य में दूसरे एम्स बनने की ताक लगाए बैठे हैं. सालों से लोग दरभंगा जिले की ओर एम्स के लिए नज़रें गड़ाए हुए हैं. लोग इंतज़ार कर रहे हैं आज न कल नीतीश सरकार जमीन अलॉटमेंट की प्रक्रिया को पूरा करेगी और अस्पताल निर्माण कराएगी. सालों का यह इंतजार अब खत्म होता हुआ नजर आ रहा है, राज्य में जल्द ही लोगों को दूसरे एम्स के सुविधा मिलने जा रही है.
दरअसल दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर सभी प्रक्रियाओं को अब पूरा कर लिया है. केंद्र सरकार की ओर से भी सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है. जमीन को लेकर भी जो पेंच अटका हुआ था वो अब खत्म हो गया है.
शोभन में बनने वाले एम्स के डिजाइन पर भी केंद्र सरकार ने मोहर लगा दी है. नए साल की शुरुआत में केंद्र ने इसे मंजूरी दी है. जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया को शुरू कर एम्स का निर्माण शुरू होगा.
शोभन बाईपास की जमीन का चयन
बिहार सीएम ने दूसरे एम्स के निर्माण के लिए शोभन बाईपास की जमीन का चयन किया था. नए प्रस्तावों को 7 दिसंबर 2023 को केंद्र के सामने पेश किया गया था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के डिजाइन और प्रस्ताव पर अपने सहमति जताई है.
दरअसल दरभंगा एम्स(AIIMS) के निर्माण प्रस्ताव में केंद्र सरकार ने कुछ शर्ते रखी थी. जिसमें दरभंगा एम्स को फोरलेन की कनेक्टिविटी से जोड़ना, जमीन समतल कर बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करना शामिल था. जिसे राज्य सरकार ने मान लिया है.
साल 2015 में ही तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिहार में दूसरे एम्स बनाने की घोषणा की थी. जिसके 5 साल बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय कैबिनेट ने दरभंगा में एम्स बनाने के प्रस्तावों को मंजूरी थी. केंद्र की तरफ से इस प्रस्ताव के आने के बाद राज्य सरकार ने भी जमीन चयनित करने का काम शुरू किया था. राज्य सरकार ने पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के परिसर में ही एम्स बनाने के प्रस्तावों को पास कराया. लेकिन बाद में एक ही परिसर के अंदर दो अस्पताल होने पर आपत्ति जताई गई.
राज्य सरकार ने कहा कि अगर एक ही परिसर में दो बड़े अस्पताल बनेंगे तो यह साधारण अस्पताल रह जाएगा. जिसके बाद शोभन की जमीन पर दूसरा एम्स बनवाने का फैसला लिया गया था. साथ ही शहर में एम्स बनने की वजह से जाम की भी समस्या हो सकती है.
ऐसा देखा गया है कि देश के अन्य राज्यों में भी एम्स का निर्माण शहर के बाहरी इलाके में हुआ है. राजधानी पटना में भी एम्स शहर से 12 किलोमीटर दूर है.