बिहार के शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे चरण परीक्षा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने दूसरे चरण की परीक्षा का भी पेपर लीक होने का खुलासा किया है. जांच एजेंसी ने टीआरई-3 के पेपर लीक मामले में कोर्ट में चार्जशीट जमा की है. जिसमें दावा किया गया कि पेपर लीक माफियाओं ने दूसरे चरण के भी परीक्षा का पेपर लीक किया था.
बिहार में शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण का आयोजन दिसंबर 2023 में हुआ था. 7 से 15 दिसंबर के बीच आयोजित परीक्षा में करीब 1.23 लाख अभ्यर्थी पास हुए थे. ईओयू ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि पेपर लेकर आरोपी और जेनिथ लॉजिस्टिक के मुंशी राहुल के मोबाइल से एक नंबर मिला, जो पिकअप के ओनर और अगमकुआं के रहने वाले रामनिवास चौधरी का है. इन दोनों से पूछताछ के बाद टीआरई-2 पेपर लीक का खुलासा हुआ है. टीआरई-2 में भी केंद्र पर जाने के दौरान क्वेश्चन पेपर लीक किया गया था. इस काम के लिए पिकअप चालक को 7 हजार रुपए दिए गए थे.
पुलिस की पूछताछ में शिवकांत ने खुलासा किया कि सराय टोल टैक्स पहुंचने पर राहुल ने गाड़ी रूकवाई थी. वहां बिहार सरकार लिखी हुई दो गाड़ी में से 7 लोग उतरे और पिकअप से प्रश्न पत्र वाला बॉक्स उतार कर गाड़ी में रखा. मुजफ्फरपुर में प्रश्न पत्र वाला बॉक्स वापस पिकअप में रख दिया गया. इसके बाद शिवकांत और सुमित पेपर लेकर मुजफ्फरपुर से मोतिहारी डीएम कार्यालय पहुंचे. इस पूरे मामले पर ईओयू की जांच अभी जारी है.
बता दें कि बिहार में टीआरई-3 की परीक्षा मार्च में आयोजित हुई थी, लेकिन परीक्षा का पेपर लीक कर दिया गया था. जिसके बाद इसे रद्द किया गया. बीपीएससी ने 19 से 22 जुलाई तक दोबारा परीक्षा का आयोजन किया और 15 नवंबर को परिणाम की घोषणा की.