बिहार में आयोजित हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा 3.0 के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई(EOU) ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा किया है. पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड डॉक्टर शिव कुमार उर्फ शिव उर्फ़ बिट्टू को मुख्य आरोपी बताया है. EOU ने मध्य प्रदेश के उज्जैन पांच आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ की गई, जिसमें आरोपियों ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं. गिरफ्तार आरोपियों में शिव कुमार के अलावा बल्ली उर्फ संदीप कुमार, प्रदीप कुमार, तेज प्रकाश और सौम्या कुमारी शामिल है.
मुख्य आरोपी शिव कुमार
EOU ने बताया कि डॉक्टर शिव कुमार 2017 में नीट यूजी के परीक्षा पत्र लीक का अभियुक्त रहा है, जिसके खिलाफ पटना के पत्रकार नगर थाने में भी एक केस दर्ज है. उस कांड में शुभम मंडल का भी शामिल था, जो पटना के खगौल अफसर कॉलोनी का निवासी है. सिपाही भर्ती परीक्षा लीक मामले में भी इन्हीं आरोपियों का नाम शामिल है. EOU के मुताबिक चारों मिलकर सरकारी संस्थाओं के प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक और फर्जीवाड़ा को अंजाम देते थे. इस साल आयोजित हुई उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी दोनों की संलिप्तता भी सामने आई है. इनका गैंग क्षेत्र उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार और कई राज्यों से भी जुड़ा हुआ है.
पेपर लीक की योजना
आरोपियों से और पूछताछ करने पर पता लगा कि यह सभी मिलकर कई सालों से पेपर लीक धंधे में लगे हुए थे, जिनसे इनको मोटी कमाई होती थी. यह सभी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक के लिए राज्य के प्रिंटिंग प्रेस का पता लगाते थे और प्रेस के साथ साठ-गाठ कर पेपर लीक को अंजाम देते थे. इसके अलावा क्वेश्चन पेपर के ट्रांसपोर्टेशन की भी जानकारी आरोपी रखते थे. पेपर लीक करने के पहले कर्मचारियों के साथ मोटी राशि का सौदा कर क्वेश्चन पेपर हासिल कर और उसके बाद अभ्यर्थी को बेच देते थे. इसके अलावा कई बार आरोपियों ने सवालों के उत्तर भी अभ्यर्थियों को रटाए हैं.
बीपीएससी शिक्षक भर्ती 3.0 की परीक्षा का क्वेश्चन ट्रांसपोर्टेशन कंपनी डीटीडीसी कोरियर के द्वारा किया जाना था, जिनमें कुछ प्राइवेट गाड़ियां श्रीनिवास चौधरी से ली गई थी. इसकी जानकारी मिलते ही आरोपियों ने पटना के बाईपास थाना के मिर्ची मोहल्ला निवासी राहुल पासवान को मोटी रकम का लालच देकर अपने पक्ष में कर लिया. 12 मार्च को राहुल पासवान ने श्रीनिवास चौधरी को अपने साथ मिला लिया और पटना से नवादा जाने वाले रास्ते में कोरियर कंपनी की पेटी से क्वेश्चन निकाल कर स्कैन करने की योजना बनाई. जैसे ही डीटीडीसी पटना से श्रीनिवास चौधरी की गाड़ी निकली राहुल और श्रीनिवास ने गाड़ी के चालक राम भवन पासवान को भी अपने झांसे में ले लिया और पूर्व की योजना के अनुसार पेटी को स्पेशलाइज्ड टूल से खोलकर क्वेश्चन पेपर को स्कैन किया.
EOU ने बरामद किए स्पेशलाइज्ड टूल
क्वेश्चन पेपर मिलने के बाद कई माध्यमों से गिरोह के सदस्यों ने पहले से ही तय राशि के अनुसार 10 से 12 लाख रुपए में अभ्यर्थियों को क्वेश्चन बेच दिया. इसके अलावा सैकड़ो अभ्यर्थियों को उत्तर भी याद करवाया गया. अभ्यर्थियों को हजारीबाग के कोहिनूर बैंक्विट हॉल में क्वेश्चन के आंसर याद कराए गए थे. EOU ने आरोपियों के पास से कुछ स्पेशलाइज्ड टूल और पेन ड्राइव भी बरामद किए है.
मालूम हो कि शिक्षक भर्ती परीक्षा 3.0 के पेपर लीक होने के बाद बीपीएससी ने परीक्षा को रद्द कर दिया था. इसके अलावा यूपी में भी आयोजित हुई पुलिस भर्ती की परीक्षा का भी पेपर लीक के बाद रद्द किया गया था.