लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के पूर्व सीएम और रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव सालों से घिरे हुए हैं. इस मामले में लालू यादव के अलावा उनके परिवार की भी मुश्किलें समय-समय पर बढ़ती रहती हैं. मामले की जांच सीबीआई के हाथों में है, और नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चलती है. शुक्रवार को सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया. सीबीआई की ओर से दाखिल आरोप पत्र में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव के साथ ही लालू यादव की बेटी और ओएसडी एवम निजी सचिव समेत 78 आरोपी बनाए गए हैं. जिसमें जमीन के पहले नौकरी देने वाले 37 लाभान्वित, रेलवे के 29 कर्मी भी शामिल है.
इस आरोप पत्र पर अब 6 जुलाई को सुनवाई निर्धारित की गई है. कोर्ट 6 जुलाई को अंतिम आरोप पत्र पर संज्ञान लेगा. इसके पहले सुनवाई में राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष अदालत ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए 7 जून तक मामले में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई हर सुनवाई में चुनाव को लेकर अधिकारियों के व्यस्त होने की दलील दे रही है. लेकिन हर हाल में 7 जून तक उसे अंतिम आरोप पत्र दाखिल करना ही होगा. जिसके बाद सीबीआई ने शुक्रवार को अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया.
आरोप पत्र में सीबीआई ने नया खुलासा किया कि 2004- 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के करीबी द्वारा कथित तौर पर जमीन दिए जाने के एवज में रेलवे के सभी 11 जोन में ग्रुप डी की नौकरी दी गई थी. इसके अलावा जांच में यह भी पाया गया कि आरोपियों ने रेलवे के अधिकारियों के साथ साजिश की और अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीन के एवज में व्यक्तियों की भर्तियां की. जिसमें भूमि तत्कालीन सर्किल दर से कम कीमत पर और बाजार दर से बहुत कम कीमत पर हासिल की गई.