बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ से भयंकर तबाही मचती है. राज्य के कई हिस्से कोसी बेल्ट की बाढ़ में डूब जाते है जिस कारण लाखों जिंदगियां अस्त-व्यस्त हो जाती है. इसके अलावा गंगा की बाढ़ से भी राजधानी जैसे इलाके बाढ़ में डूब जाते हैं. बिहार की बाढ़ पर केंद्र सरकार ने भी चिंता जाहिर की थी. पिछले महीने ही संसद में आम बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए मदद का ऐलान किया था. इसके बाद इस दिशा में कदम बढ़ रहे हैं. राज्य में बाढ़ को रोकने और इससे निजात दिलाने के लिए तकनीकी कमेटी का गठन किया गया है. जदयू कोटे के केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इसकी जानकारी दी है.
बाढ़ के लिए केंद्रीय जल आयोग के मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में 11 विशेषज्ञों की टीम गठित की गई है. यह कमेटी हर महीने केंद्र सरकार को बाढ़ संबंधित रिपोर्ट भेजेगी. साथ ही बाढ़ नियंत्रण के लिए योजना भी तैयार करेगी.
ललन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार बिहार को बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्पर है. जिसके लिए एक तकनीकी कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी बाढ़ की समस्याओं से निपटने के लिए काम करेगी. साथ ही बाढ़ की समस्या का समाधान दिलाने में भी मदद करेगी. इसके लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी को पूरे बिहारवासियों की ओर से धन्यवाद देता हूं.
बिहार को बाढ़ की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए वित्त मंत्री ने 11.5 हजार करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी. इन पैसों को कोसी इंट्रा स्टेट लिंक और 20 अन्य परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा. बिहार के बाढ़ को रोकने के लिए नेपाल में डैम बनाने की भी योजना बनाई गई है.