झारखंड के खनिजों पर उपकर(सेस) लगाने की मंजूरी राज्यपाल ने दे दी है. राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड खनिज आधारित भूमि उपकर विधेयक- 2024 को अपनी मंजूरी दी है. गुरुवार को ही इस विधेयक को राज्यपाल से हरी झंडी मिल गई. राज्य सरकार अब गजट नोटिफिकेशन के साथ इसे कानून के तौर पर लागू करेगी.
खनिजों पर सेस वजन के हिसाब से लिया जाएगा. प्रति मीट्रिक टन कोयला और लौह अयस्क के लिए 100 रुपए, बॉक्साइट के लिए 70 रुपए, चूना पत्थर और मैग्नीशियम के खनन पर 50 रुपए सेस लिया जाएगा. अन्य खनिजों से प्रतिदिन निर्धारित रॉयल्टी का 50% सरकार वसूलेगी. सेस राज्य सरकार खनन एवं भूगर्भ विज्ञान विभाग द्वारा एकत्र किया जाएगा.
25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में राज्यों को खनिज वाली भूमि पर सेस संग्रहण करने की मंजूरी दी थी. इसी के तहत झारखंड विधानसभा में 2 अगस्त को यह विधेयक पेश किया गया था. इस दौरान विपक्ष की ओर से विधेयक में संशोधन और प्रवर समिति को सौंपने का प्रस्ताव दिया गया. जिसपर सीएम हेमंत सोरेन ने सदन में संशोधन करते हुए कहा कि यह विधेयक बेहद महत्वपूर्ण, बहुउद्देशीय और मूल्यवर्धित है. इस पर समय-समय पर बदलाव होते रहेंगे. आने वाले समय में कोयला, चूना पत्थर, बॉक्साइट आदि खनिजों पर आधारित भूमि पर लागू सेस को अधिसूचना के माध्यम से घटाया या बढ़ाया भी जा सकेगा. सीएम के संबोधन के बाद विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया. विधेयक में सेस नहीं देने पर ब्याज का प्रावधान भी जोड़ा गया है.
राज्य सरकार ने कहा कि इस सेस से प्राप्त होने वाली राशि को झारखंड के स्वास्थ्य, सेवा, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, कृषि, ग्रामीण आधारभूत संरचना, जल एवं स्वच्छता तथा अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इस विधेयक के लागू होने से खान विभाग को 2 हजार से लेकर 4 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व वसूली का अनुमान लगाया जा रहा है. वर्तमान में झारखंड खान विभाग का राजस्व 12 हजार करोड़ रुपए है.