मंगलवार से सभी सरकारी विभागों में आरक्षण अधिनियम 2023 को लागू कर दिया गया है. राजेंद्र आर्लेकर के हस्ताक्षर के बाद से बिहार गजट प्रकाशित हुआ जिसके बाद आरक्षण लागू होने का रास्ता खुल गया.
आरक्षण के लागू होने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की है. बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सभी दलों की सहमति से जातीय जनगणना कराई गई है. रिपोर्ट के आने के बाद बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में चर्चा के बाद आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 75% तय किया गया है. पटना में हुए इस उच्च स्तरीय बैठक में सभी सरकारी विभागों में आरक्षण को लागू करने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा की गई.
मुख्यमंत्री ने यहां सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आरक्षण अधिनियम- 2023 को पूरी तरह से राज्य में लागू कर इसका लाभ दिया जाए.
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि जाति आधारित गणना में लोगों की आर्थिक स्थिति की भी समीक्षा की थी जिसके आधार पर गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपए की राशि दी जाएगी. वही भूमिहीन परिवारों को मकान बनाने के लिए भी 1 लाख रुपए दिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि साल 2006 से ही सरकार में आने के बाद से सरकार सभी वर्गों के लिए न्याय के साथ विकास का काम कर रही है. इसके साथ ही कानून व्यवस्था को राज्य में बेहतर बनाया गया है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को हर स्थिति में कायम रखा जाए और गड़बड़ करने वालों पर कार्यवाई की जाए.