सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने क्लाइमेट एक्शन कॉन्क्लेव(Climate Action Conclave) का उद्घाटन किया. यह कॉन्क्लेव पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र, ज्ञान भवन में आयोजित कराया गया है.
एशिया का पहला डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र
क्लाइमेट एक्शन कॉन्क्लेव देश के किसी राज्य द्वारा विकसित की गई पहली दीर्घ कालिक रणनीति है, जिसमें क्लाइमेट रेसिलियंट और लो कार्बन डेवलपमेंट पाथवे पर बिहार की प्रस्तुति की गई है. सीएम ने आज पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग की 100 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया है. जिसमें पटना में भारत और एशिया का पहला डॉल्फिन अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन हुआ है.
बिहार क्लाइमेट एक्शन कॉन्क्लेव में पूरे दिन में 6 सत्रों का आयोजन होगा. जिसका उद्देश्य बिहार के लिए अनुकूल जलवायु रणनीतियों पर विचार करना है. जिसके लिए कई विशेषज्ञों, हित धारकों, नीति निर्माताओं और चिकित्सकों को बुलाया गया है. इस कॉन्क्लेव में आने वाले वर्षों में राज्य को जलवायु अनुकूल एवं कार्बन न्यूट्रल बनाने की पहल कैसे करनी है, इसपर चर्चा होगी. जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव और इससे बचने के उपाय के बारे में भी कॉन्क्लेव में विचार विमर्श होगा.
आयोजित कॉन्क्लेव में सीएम ने बिहार जलवायु पर आयोजित प्रदर्शनी में लगाए गए, विभिन्न स्टाल्स का भी निरीक्षण किया.
26 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने सभी 543 ब्लॉक कार्यालय में स्थापित वायु गुणवत्ता निगरानी सेंसर के लिए एकीकृत डैशबोर्ड का भी अनावरण किया है. पूर्णिया और भागलपुर में BSPCB के क्षेत्रीय कार्यालयों का भी उद्घाटन सीएम ने किया है. इसके अलावा सीएम ने 108 करोड़ रुपए की लागत से पार्क, इको टूरिज्म, भू-जल संरक्षण एवं आधारभूत संरचना की 26 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया है.
मालूम हो कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. जल जीवन हरियाली जागरूकता अभियान के तहत 19 जनवरी 2020 को राज्य में 18,000 किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनी थी. जिसमें 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने भाग लेकर पर्यावरण के संरक्षण और नशा मुक्ति के समर्थन में एवं बाल विवाह और दहेज प्रथा मिटाने के लिए के प्रति अपना समर्थन दिया था. जल जीवन हरियाली जागरूकता अभियान की तारीफ माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स ने भी की थी.
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव वंदना प्रियशी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के अध्यक्ष डी के शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आशुतोष सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.