जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती के मौके पर प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार नाम वंशवाद को मुद्दा बनाकर भाषण में खूब गरजे. पटना के वेटरनरी ग्राउंड में कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी समारोह पर सीएम लोगों को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने परिवारवाद पर हमला किया है.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. लेकिन आजकल के लोग सिर्फ अपने ही परिवार को आगे बढ़ाते हैं. मैंने भी कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया है. आजकल लोग अपने बेटे को नेता बना देते हैं. बेटा अपने आप को बड़ा नेता बोलता है, बड़ी-बड़ी बातें बोलता है. लेकिन कर्पूरी ठाकुर जी ने ना तो कभी अपने बेटे अपने पद का लाभ नहीं दिलवाया और ना ही अपने परिवार को आगे बढ़ाया.
राहुल गांधी को राजनीति विरासत में
सीएम नीतीश कुमार का इतना ही कहना था बस तभी से लोगों ने लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस का नाम सीएम के इस बयान से जोड़ना शुरु कर दिया है. सभी जानते हैं कि लालू प्रसाद यादव ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और अपने बड़े बेटे और पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव को राजनीति में लाया है. इसके अलावा अपनी पत्नी राबड़ी देवी और बेटियों को भी लालू यादव ने राजनीति में उतारा है.
नीतीश कुमार की ऐसी बातों पर अब लालू यादव और तेजस्वी यादव क्या कहेंगे यह तो नहीं पता लेकिन उनकी बातों से साफ साबित हो रहा था कि वह परिवारवाद में किसको निशाने पर ले रहे हैं. वही राहुल गांधी को भी राजनीति विरासत में मिली हैं.
जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद
समारोह में नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोन किए जाने वाली बात से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने मुझे फोन नहीं किया लेकिन रामनाथ ठाकुर को फोन किया. मैं पीएम को बधाई देता हूं. खुशी की बात है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिल गया. 2007 से 2023 तक हर साल केंद्र की कांग्रेस सरकार और अभी की सरकार को इसके लिए आग्रह किया जा रहा था. प्रधानमंत्री को धन्यवाद.
सीएम ने आगे पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बारे में बताते हुए शराबबंदी, विशेष राज्य का दर्जा और आरक्षण की भी बात कही. उन्होंने कहा कि सबको लगने लगा है कि कर्पूरी ठाकुर की इज्जत करेंगे तब कुछ मिलेगा. एक डिमांड हमने माना बाकि क्या पीएम मानेंगे (विशेष राज्य के दर्जे की मांग). देश में पहली बार पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को जोड़कर आरक्षण 1978 में दिया गया. पहली बार कर्पूरी ठाकुर ने ही इस काम को किया था. इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए, अति पिछड़ा में ज्यादा गरीब है उनकी संख्या भी ज्यादा है. शराब बंदी कानून भी कर्पूरी ठाकुर ने ही लागू किया था, जिसे बाद में हमारी सरकार ने भी लागू किया.
परिवारवाद को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले से ही गांधी परिवार पर आरोप लगाते है. अब बिहार के मुखिया और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी भाजपा से बोल मिलालते हुए नजर आ रहे हैं. क्या नीतीश कुमार का इस तरह से भाजपा से सहमत होना और उसी की बातों को सामने रखना पलटी मारने की और इशारा कर रहा है?