बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान हुई परीक्षाओं और कई विभागों के कार्यों को नीतीश सरकार धीरे-धीरे रोक रही है और उनकी जांच कर रही है. बिहार में सक्षमता परीक्षा में शामिल नियोजित शिक्षकों के जांच की भी बात सामने आ रही है. परीक्षा के दरमियान अंत में थम्ब इंप्रेशन लिया गया था. बायोमेट्रिक उपस्थिति के मिलान के अलावा शिक्षकों के प्रमाण पत्र की दोबारा जांच करवाई जाएगी. इतने स्तर की जांच के बाद ही सफल नियोजित शिक्षकों को जिलों का आवंटन किया जाएगा.
नियोजित शिक्षक का दर्जा देने वाले सक्षमता परीक्षा अब खत्म हो चुकी है. राज्य में 26 फरवरी से 6 मार्च परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसका रिजल्ट होली के पहले जारी किया जा सकता है. परीक्षा के बाद सभी शिक्षकों को अपने-अपने जिलों में जाकर थंब इंप्रेशन और बायोमेट्रिक मिलान करवाना है.
शिक्षक अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक जांच
शिक्षा विभाग के आदेश के बाद BSEB ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा है. सभी जिलों में दो-दो मशीन और ऑपरेटर दो महीने के लिए बुधवार से कार्यालय में उपलब्ध कराए गए हैं. बीएसईबी ने कहा कि सभी शिक्षक अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक मिलान भी कराया जाएगा. पहले थम इंप्रेशन और बायोमेट्रिक परीक्षा केंद्र पर ही लिया गया है.
मालूम हो कि शिक्षा विभाग शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा (competency test) में सफलता प्राप्त करने के लिए पांच मौके देगी. शिक्षा विभाग शिक्षकों को तीन मौके ऑनलाइन और दो मौके ऑफलाइन देगी. पहले चरण में 2.32 लाख नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन किया था.
इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों के लिए एक और मुसीबत के तलवार लटक रही है. यह मुसीबत की तलवार उन शिक्षकों के ऊपर लटक रही है जो एक ही सर्टिफिकेट, एक ही नाम पर अलग-अलग जगहों पर नौकरी कर रहे हैं. शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच करने का निर्णय लिया है.
जिलाधिकारी ने बताया कि एक ही नाम, एक ही रोल नंबर पर नौकरी करने वाले 21 शिक्षकों का पहचान किया गया है. इन सभी शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी. इन शिक्षकों की जांच के आदेश तक शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है.